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नई दिल्ली: जेट एयरवेज के पायलटों ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने एयरलाइन का फिर से परिचालन शुरू करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को कंपनी को अंतरिम पूंजी उपलब्ध कराने का निर्देश देने का शीर्ष अदालत से आग्रह किया है। उल्लेखनीय है कि जेट एयरवेज ने अस्थायी तौर पर उड़ानें बंद कर दी है। इससे उसके करीब 22,000 कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

नेशनल एविएटर्स गिल्ड ने याचिका में जेट एयरवेज के स्लॉट को दूसरी एयरलाइन को नहीं देने के लिए केंद्र और नागरिक विमानन निदेशालय (डीजीसीए) को निर्देश देने की मांग की है। केंद्र और डीजीसीए की योजना जेट के स्लॉट को अस्थायी तौर पर अन्य कंपनियों को देने की है। याचिका में एयरलाइन का पंजीकरण खत्म नहीं करने की भी मांग की गई है। याचिका वकील गौरव अग्रवाल ने दायर की है।

याचिका में कहा गया है कि कंपनी के निदेशक मंडल ने 25 मार्च को ऋण पुनर्गठन योजना को मंजूरी दी थी , जिसके तहत एसबीआई को कंपनी में 1,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालनी थी लेकिन वादे के मुताबिक पूंजी का वितरण नहीं किया गया है। इसमें कहा गया है कि एसबीआई का पूंजी नहीं डालने का फैसला जेट एयरवेज के खड़े होने और उसके मूल्य में गिरावट के लिए जिम्मेदार है। याचिका में कहा गया कि केंद्र, डीजीसीए, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और अन्य कंपनी के मूल्य को बढ़ाने में नाकाम रहे हैं।

याचिका में कहा गया है कि इसके बावजूद की रुचि पत्र आमंत्रित किया गया है और नई खरीदार की तलाश करने के लिए बोली प्रक्रिया चल रही है तब भी केंद्र और डीजीसीए ने जेट एयरवेज के स्लॉट अन्य कंपनियों को आवंटित करना शुरू कर दिया है, जिससे कंपनी का मूल्य काफी कम हुआ है।

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