नई दिल्ली: जेट एयरवेज पर आखिरकार ताला लग गया है। सूत्रों के मुताबिक आज रात कंपनी अपनी आखिरी उड़ान भरेगी। कंपनी के बोर्ड ने बैंकों के कंशोर्सियम से पैसा न मिलने के कारण यह फैसला लिया है। इससे पहले कंपनी के केवल सात विमान ही परिचालन में थे। कंपनी के बोर्ड ने बैंकों के कंशोर्सियम से पैसा न मिलने के कारण यह फैसला लिया है। इससे पहले कंपनी के केवल सात विमान ही परिचालन में थे। फिलहाल कंपनी के केवल सात विमान ही परिचालन में हैं। सोमवार को कंपनी ने बैंकों के साथ मीटिंग की थी। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
एसबीआई की अगुवाई वाले कर्जदाताओं के समूह ने बुधवार को 400 करोड़ का आपात फंड जारी करने से इनकार कर दिया है। कंपनी ने संचालन जारी रखने के लिए यह राशि मांगी थी। मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि विमानन कंपनी ने अपने बेड़े में शेष बचे 5 विमानों की उड़ानें जारी रखने के लिए कर्जदाताओं से 400 करोड़ रुपये का तत्काल आपात फंड मांगा था। कर्जदाताओं ने फिलहाल इस पर कोई रुचि नहीं दिखाई और पैेसे देने से साफ इनकार कर दिया।
इस बीच, कंपनी को लीज पर विमान देने वाली कंपनियों ने डीजीसीए से चार दर्जन और बोइंग 737 विमानों का पंजीकरण रद्द करने को कहा है। डीजीसीए ने बुधवार को बताया कि कंपनी के लीजकर्ताओं ने 48 विमानों को डी-रजिस्टर करने की अपील की है, ताकि वे इन विमानों को भारत से बाहर ले जाकर अन्य किसी कंपनी को किराये पर दे सकें।
नियामक ने कहा कि लीजकर्ताओें को अभी तक आपात फंड मिलने की उम्मीद थी, लेकिन कर्जदाताओं के निराशाजनक रुख से यह अपील की जा रही है। जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने खुद को बोली से बाहर कर लिया है, क्योंकि एतिहाद और टीपीजी पार्टनर्स ने उनके रहने पर खुद को बोली से अलग करने की धमकी दी थी।
बोर्ड की बैठक में लिया फैसला
इस संदर्भ में कंपनी के सीईओ विनय दुबे ने कर्मचारियों को एक ईमेल भी भेजा, जिसमें लिखा था कि बैंक इमरजेंसी फंडिंग पर फैसला नहीं कर सके। इसलिए मंगलवार को फिर से कंपनी के बोर्ड की मीटिंग होगी। इसके साथ ही पायलट यूनियन के एक सदस्य ने कहा है कि अगर कंपनी को पैसे नहीं मिले, तो जेट का ऑपरेशन पूरी तरह बंद हो सकता है। इस बैठक में ही नरेश गोयल ने कंपनी को दुबारा से खरीदने का प्लान त्याग दिया। बता दें कि जेट एयरवेज ने अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को 19 अप्रैल तक रद्द कर दिया है। फिलहाल कंपनी के केवल सात विमान ही परिचालन में हैं। दुबे ने कहा कि बैंकों के साथ हुई बातचीत को बोर्ड के समक्ष मंगलवार को रखा जाएगा। कंपनी ने सार्क और आसियान देशों के अलावा टोरंटो और पेरिस की उड़ानों को भी अगले आदेश तक के लिए रद्द किया है।
पीएमओ से लगाई गुहार
तीन महीने से वेतन के लिए तरस रहे जेट एयरवेज के पायलटों ने अब नौकरी बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है। पायलटों के संगठन नेशनल एविएटर्स गिल्ड (एनएजी) ने सोमवार को कहा कि कंपनी का संचालन बंद होता है तो 20 हजार नौकरियां खतरे में पड़ जाएंगी। इस मुश्किल से उबारने के लिए प्रधानमंत्री को हाथ बढ़ाना चाहिए।
बेड़े में बचे सिर्फ सात विमान
कंपनी के प्रवक्ता गौरव साहनी ने बताया कि लीजधारकों को बकाया भुगतान नहीं देने के कारण एयरलाइन सिर्फ सात विमानों का ही संचालन कर पा रही है। ये सभी उड़ानें घरेलू रूट पर ही जारी हैं। नकदी की समस्या गहराने से अन्य उड़ानों पर गंभीर असर पड़ा है।
जल्द मिले 1500 करोड़ की सहायता
एनएजी के उपाध्यक्ष अदीम वालियानी ने जेट को पूंजी उपलब्ध कराने का वादा करने वाले स्टेट बैंक से अपील करते हुए कहा कि बकाया वेतन भुगतान के लिए जल्द 1,500 करोड़ की सहायता दी जाए। उन्होंने कहा कि बैंक ने जल्द यह राशि नहीं दी तो संचालन पूरी तरह बंद हो जाएगा और 1100 पायलटों के साथ 20 हजार नौकरियां खतरे में पड़ जाएंगी। इससे पहले बकाया वेतन की मांग को लेकर पायलट, इंजीनियर और केबिन क्रू के सदस्यों ने कंपनी के मुख्यालय पर एकजुटता दिखाई।
दिसंबर में मिला था आखिरी वेतन
उनका कहना है कि दिसंबर 2018 में उन्हें आखिरी बार वेतन का भुगतान हुआ था। दूसरी ओर, कंपनी को जल्द 1500 करोड़ देने के लिए एसबीआई और प्रबंधन के बीच बैठक चल रही है, जिसके फैसले पर कंपनी का भविष्य निर्भर करता है।