नई दिल्ली: संकट का सामना कर रही निजी विमानन कंपनी जेट एयरवेज का कहना है कि वह तत्काल अपने पायलटों का पूरा वेतन बकाया चुकाने में सक्षम नहीं है। कंपनी का कहना है कि वह दिसंबर के वेतन का बचा हुआ 87.50 प्रतिशत ही चुका सकती है। पायलटों के एक अप्रैल से हड़ताल पर जाने की घोषणा किए जाने के बाद कंपनी की ओर से यह बयान दिया गया है। इसी बीच कंपनी के पायलटों की संस्था नेशनल एविएटर्स गिल्ड (एनएजी) ने रविवार को नई दिल्ली और मुंबई में अपने सदस्यों की ‘खुली बैठक’ बुलाई है।
जेट एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दुबे ने शनिवार को पायलटों को लिखे एक पत्र में कहा कि कंपनी का निदेशक मंडल कर्जदाताओं के साथ मिलकर समाधान योजना को जितना जल्द संभव हो सके उतना जल्द लागू करने का प्रयास कर रहा है। ताकि कंपनी के लिए अनिवार्य हो चुके परिचालन को स्थिर बनाया जा सके। साथ ही कंपनी के भविष्य को सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि अभी हम केवल दिसंबर का बचा हुआ वेतन देने में ही सक्षम हैं।