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नई दिल्ली: ग्यारह हजार करोड़ रुपये के धोखाधड़ी के मामले में पटियाला हाउस अदालत ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 11 आला अधिकारियों को बतौर आरोपी तलब किया है। इनके खिलाफ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) ने अदालत में शिकायतपत्र दाखिल किया था। मामला मुंबई स्थित पंजाब नेशनल बैंक से जुड़ा है।

पटियाला हाउस स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने निर्वर्तमान महानिदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता एवं पूर्व महानिदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी उषा अनंत सुब्रमण्यम समेत 11 अधिकारियों को 24 मई को तलब किया है। इससे पहले आरबीआई ने इसी साल सीआरपीसी की धारा 200 के तहत अदालत में शिकायतपत्र दाखिल किया था। शिकायतपत्र में कहा गया था कि आरबीआई के सर्कुलर की अवमानना कर इन अधिकारियों ने बैंकिंग नियमावली अधिनियम की धारा 46 की अवमानना की है। यह एक अपराध है। इसके तहत इनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए। 

 

वरिष्ठ अधिवक्ता ने की पैरवी

इस मामले में आरबीआई की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी, अधिवक्ता रमेश बाबू, अधिवक्ता मुग्धा पांडे, स्वाति सेठिया एवं रवि शर्मा ने पैरवी की थी। आरबीआई प्रथमदृष्टया पंजाब नेशनल बैंक के इन आला अधिकारियों के खिलाफ आरोप पेश करने में सफल रहा। इसी के तहत अदालत ने इन अधिकारियों को बतौर आरोपी समन जारी किया है।

मोटी रकम का आदान-प्रदान हुआ

आरबीआई का आरोप है कि इन अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन कर मोटी रकम का आदान-प्रदान किया। आरबीआई को इस बाबत गलत जानकारी दी गई। साथ ही आरबीआई को भ्रमित किया गया। इससे बैंक प्रणाली को करीब 11 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आरबीआई का यह भी कहना है कि अभी जांच के बाद इस मामले में नए खुलासे हो सकते हैं।

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