नई दिल्ली: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा द्वारा कथित रूप से भाजपा के नेताओं को 1,800 करोड़ रुपये की रिश्वत दिए जाने के आरोपों के बीच आयकर विभाग ने शुक्रवार को स्पष्टीकरण जारी किया। विभाग ने कहा कि करीब डेढ़ साल पहले छापेमारी के दौरान कुछ खुले पन्ने मिले जो कि संदिग्ध हैं। ये पन्ने फोटोकॉपी हैं। इनमें लेनदेन का ब्योरा है और इसमें कुछ व्यक्तिगत लोगों के नाम है, लेकिन इसके मूल पन्ने उपलब्ध नहीं हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बयान जारी कर कहा कि 2 अगस्त, 2017 को छापेमारी के दौरान कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार से 2009 की कर्नाटक विधानसभा के डायरी के पन्नों की जेरॉक्स प्रति मिली।
शिवकुमार ने आयकर विभाग को बताया कि ये बी एस येदियुरप्पा द्वारा लिखी गई डायरी के पन्ने हैं। इसमें येदियुरप्पा द्वारा विधायकों को दिए गए पैसे और विभिन्न नेताओं से प्राप्त पैसे का उल्लेख है। येदियुरप्पा ने यह डायरी उस समय लिखी जबकि वह सत्ता में थे।
कारवां पत्रिका ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जिन लोगों को पैसा मिला है उनमें वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अलावा भाजपा केंद्रीय समिति के सदस्य और राज्य के विधायक हैं। हालांकि, इन तीनों मंत्रियों से तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिली है लेकिन येदियुरप्पा ने इन आरोपों को घटिया और दुर्भावना से प्रेरित करार दिया हैं।
भाजपा की कर्नाटक इकाई ने भी ट्वीट कर दावा किया है कि कांग्रेस ने जो लिखावट और हस्ताक्षर जारी किए हैं वे जाली हैं। साथ ही डायरी भी फर्जी है। जेटली के तहत आने वाले सीबीडीटी ने कहा कि इन खुले पन्नों को सेंट्रल फारेंसिक साइंस लैबोरेटरी, हैदराबाद जांच के लिए भेजा गया था। जांच के बाद उसने कहा कि उसे इसकी मूल प्रति की जरूरत है। बयान में कहा गया है कि शिवकुमार ने इन पन्नों की मूल प्रति उपलब्ध नहीं कराई।