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मुंबई: जेट एयरवेज का संकट बढ़ने से हवाई यात्रियों की मुश्किलों में इजाफा हो गया है। फिलहाल देश के सभी प्रमुख रूट्स पर किराया 10 गुना बढ़ गया है। इसका असर उन यात्रियों पर भी पड़ रहा है जो आगामी गर्मियों की छुट्टियों में घूमने के लिए फ्लाइट्स के टिकट बुक करा रहे हैं। गर्मियों की छुट्टियां मई से शुरू होकर जून तक चलती हैं।

बढ़ गया हवाई किराया

मंगलवार को जेट के कुल 119 जहाजों में से सिर्फ 36 ही उड़ान भर सके थे। अचानक रद्द ही उड़ानों के कारण जहाजों में यात्रियों के लिए जगह कम पड़ने लगी, इस वजह से हवाई किराया रातोंरात बढ़ गया। मुंबई-दिल्ली, मुंबई-बेंगलूरू, मुंबई-कोलकाता और मुंबई-चेन्नई जैसे बिजी सेक्टर पर किराया काफी बढ़ गया। जो किराया इससे पहले पांच हजार रुपये का होता था वो एक रात में ही 30 हजार के पार चला गया है।

मंगलवार को इतना हुआ किराया

अब किसी भी कंपनी के विमान से मुंबई-दिल्ली की यात्रा पर 15,518 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं जबकि पिछले वर्ष मार्च में 6,577 रुपये का ही टिकट लग रहा था। इसी तरह, मुंबई-चेन्नई की यात्रा के लिए 5,369 रुपये की जगह अब 26,000 रुपये जबकि मुंबई-बेंगलूरू के लिए 2,600 रुपये की जगह 16,000 रुपये वसूले जा रहे हैं।

वापसी किराये में भी हुई बढ़ोतरी

मुंबई-दिल्ली-मुंबई सेक्टर पर फिलहाल किराया 14 हजार रुपये से शुरू होकर के 36 हजार रुपये हो गया है। वहीं दिल्ली-लखनऊ-दिल्ली के बीच किराया 8 हजार रुपये से शुरू होकर के 23,799 रुपये पर पहुंच गया है। मुंबई-लखनऊ-मुंबई पर किराया 28,660 रुपये से शुरू होकर 47,114 रुपये है। इसी तरह मुंबई-जम्मू-मुंबई का किराया 16,323 रुपये से शुरू होकर 26,817 रुपये है। मुंबई-पटना-मुंबई का किराया 34,494 रुपये से शुरू होकर के 62,964 रुपये है। दिल्ली-पटना-दिल्ली का किराया 22,388 रुपये से शुरू होकर 42,968 रुपये है।

दिल्ली-देहरादून-दिल्ली का किराया 7,554 रुपये से शुरू होकर के 12,028 रुपये है। दिल्ली-चंडीगढ़-दिल्ली का किराया 20 हजार से लेकर के 28 हजार रुपये के बीच है। शेयर बाजार में गिरा शेयर कर्ज संकट से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज के शेयर 11 फीसदी तक गिर गए। कंपनी को बीएसई और एनएसई दोनों जगह झटका लगा। जानकारों के मुताबिक अगर जेट एयरवेज का संकट एक अप्रैल से और गहरा गया तो फिर किराये में और वृद्धि होने की संभावना है।

पायलट, इंजीनियर्स को नहीं मिली सैलरी

जेट एयरवेज के इंजीनियर्स ने उड़ान में जोखिम होने की बात कही थी, वहीं पायलटों ने भी सैलरी का भुगतान न होने पर एक अप्रैल से सभी उड़ानों को बंद करने की धमकी दे दी है। वहीं डीजीसीए ने कहा है कि कंपनी के केवल 41 विमान ही इस वक्त उड़ रहे हैं। जबकि एयरलाइन के पास कुल 119 विमान हैं। जेट एयरवेज की स्थिति तेजी से बदल रही है, आने वाले सप्ताहों में और उड़ानें निरस्त हो सकती हैं।

केंद्र सरकार ने शुरू की बचाने की कोशिश

जेट एयरवेज के संकट का असर हवाई यात्रियों पर पड़ते देख सरकार को आखिरकार उसे बचाने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा। सरकार ने विमानन कंपनी को कर्ज देने वाले बैंकों से दिवालिया प्रक्रिया बंद कर उसे बचाने की प्रक्रिया शुरू करने की मंशा जताई है। मामले से जुड़े एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय इस स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है। पिछले सप्ताह बैंकों ने जेट एयरवेज की वित्तीय स्थिति पर समीक्षा रिपोर्ट पेश कर सरकार से सुझाव मांगा था। सरकार ने जवाब में कहा है कि बैंक कर्ज की राशि को इक्विटी में बदलकर जेट एयरवेज में हिस्सेदारी ले सकते हैं।

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