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नई दिल्ली: आयकर का भुगतान करने के लिए सरकार की तरफ से लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाता रहता है। लेकिन कितने लोग इसको गंभीरता से लेते हैं, आपके मन में भी यही सवाल होगा। एक रिपोर्ट से सामने आया है कि देश में मौजूद करीब 8.6 लाख डॉक्टरों में से आधे से भी कम ने इनकम टैक्स का भुगतान किया है। यही नहीं दूसरों को आयकर जमा करने में मदद करने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट की बात करें तो तीन में से महज एक सीए ही आयकर भरता है।

साढ़े 14 हजार फैशन डिजाइनर्स भरते हैं आयकर

आयकर विभाग की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार सैलरी पर काम करने वाले लोगों और प्रोफेशनल्स और कारोबारियों के आयकर जमा करने में काफी बड़ा अंतर अभी भी बना हुआ है। भले ही आपको हर कुछ किलोमीटर पर एक प्राइवेट नर्सिंग होम दिखाई दे, लेकिन देश में महज 13 हजार नर्सिंग होम ही आयकर जमा करते हैं। इसके अलावा देश में केवल 14,500 फैशन डिजाइनर्स ही आयरकर भरते हैं।

रिटर्न करने वाले 80 फीसदी तक बढ़े इनकम टैक्स

डिपार्टमेंट के अनुसार पिछले चार साल में आयकर रिटर्न करने वालों की संख्या में 80 फीसदी का इजाफा हुआ। देश में इस वर्ष लगभग 6.9 करोड़ लोगों ने रिटर्न दाखिल किया है। जबकि यह आंकड़ा 2013-14 में 3.79 करोड़ का था। आयकर विभाग के अनुसार देश में करोड़पतियों की संख्या में 68 फीसदी का इजाफा हुआ है। देश में वेतनभोगी आयकरदाताओं की तुलना में गैर वेतनभोगी आयकरदाताओं की संख्या काफी अधिक है। फिर भी वेतनभोगी करदाताओं की संख्या में गैरवेतनभोगी आयकरदाताओं की तुलना में तेजी से इजाफा देखा जा रहा है।

पिछले 4 साल में गैर वेतनभोगी आयकरदाताओं की संख्या में 27 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वहीं वेतनभोगी आयकरताआों की संख्या में 19 फीसदी का इजाफा हुआ है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर टैक्सेज (सीबीडीटी), के चेयरमैन सुशील चंद्रा के अनुसार गैर वेतनभोगी आयकरदाताओं की संख्या न बढ़ने को लेकर आयकर विभाग चिंतित है। इसको बढ़ाने के लिए जल्द ही कदम उठाए जाएंगे।

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