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नई दिल्ली: अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाने के अनुमान के बीच इस महीने के पहले दो सप्ताह के दौरान विदेशी निवेशकों ने बांड बाजार से करीब 1,200 करोड़ रुपये की निकासी की। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने पिछले पांच महीनों में बांड बाजार से करीब 50 हजार करोड़ रुपये निकाले हैं। इससे पहले जनवरी में उन्होंने 8,500 करोड़ रुपये निवेश किये थे।

आंकड़े के अनुसार, दो जुलाई से 23 जुलाई तक एफपीआई ने बांड बाजार से 1,190 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की। मॉर्निंगस्टार के शोध प्रबंधक तथा वरिष्ठ शोध विश्लेषक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, घरेलू ऋणपत्र बाजार में एफपीआई की बिकवाली का मुख्य कारण तेल की अधिक कीमतें हैं जिससे निवेशकों में मुद्रास्फीति के और बढ़ने की आशंका है। इससे देश का चालू खाता घाटा बढ़ सकता है और रुपये पर दबाव बढ़ सकता है। रुपया इस साल जनवरी के अंत से अब तक करीब आठ प्रतिशत गिर चुका है।

आलोच्य अवधि में एफपीआई ने शेयर बाजारों में 592 करोड़ रुपये निवेश किये हैं।

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