नई दिल्ली: देश में लगातार छठे दिन पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए गए हैं। दिल्ली में पेट्रोल के दाम 17 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं, जबकि मुंबई में आज की बढ़ोतरी 16 पैसे प्रति लीटर है जबकि कोलकाता में 17 और चेन्नई में 18 पैसे प्रति लीटर दाम बढ़ाए गए हैं। साथ ही डीजल के दाम में दिल्ली में 16 पैसे, मुंबई में 17 पैसे, कोलकाता में 16 पैसे और चेन्नई में 18 पैसे प्रति लीटर डीजल के दाम बढ़ाए गए हैं। आईओसी की साइट के मुताबिक पेट्रोल के साथ ही डीजल के दाम भी बढ़ाए गए हैं।
आज की बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में पेट्रोल के दाम 76.53 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं जबकि मुंबई में 83.91 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। कोलकाता में 79.20 और चेन्नई में 72.43 रुपये प्रति लीटर दाम हो गए हैं। इसी के साथ डीजल के दाम दिल्ली में 68.23 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं. मुंबई में 72.40, कोलकाता में 70.78 और चेन्नई में 72.03 रुपये प्रति लीटर का डीजल बिक रहा है। सोमवार को पेट्रोल के दाम दिल्ली में 76.36 रुपये प्रति लीटर हो गए थे। चेन्नई और कोलकाता में पेट्रोल के दाम 79.25 और 79.03 रुपये प्रति लीटर दाम क्रमश: हो गए थे। मुंबई में पेट्रोल के दाम 83.75 रुपये प्रति लीटर थे जो देश में मेट्रो में सबसे ज्यादा रहे।
वहीं, डीजल के दाम दिल्ली में 68.07 रुपये प्रति लीटर हो गए जबकि कोलकाता में 70.62 रुपये प्रति लीटर हो गया था। मुंबई में 72.23 रुपये प्रति लीटर तो चेन्नई में 71.85 रुपये प्रति लीटर दाम हो गए थे।
इससे पहले देश के प्रमुख चार महानगरों में लगातार चौथे दिन रविवार को तेल के दाम में वृद्धि दर्ज की गई थी। तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल रविवार को 76.13 रुपये प्रति लीटर हो गया था. पेट्रोल कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में क्रमश: 78.80 रुपये, 83.52 रुपये और 79.01 रुपये प्रति लीटर हो गया था। राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को डीजल 67.86 रुपये प्रति लीटर था। कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में डीजल की कीमतें क्रमश: 70.41 रुपये, 72 रुपये और 71.63 रुपये प्रति लीटर रहीं थी।
पेट्रोल के दाम में बुधवार से लेकर रविवार तक 57-61 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई है और डीजल के दाम में 48-51 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि दर्ज की गई थी। भारत में तेल की कीमतों का निर्धारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव से तय होता है।
पिछले महीने तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक की ओर से तेल की आपूर्ति रोजाना 10 लाख बैरल करने के फैसले के बाद उम्मीद जगी थी कि तेल के दाम में कमी आएगी। मगर, शुरुआत में वैश्विक बाजार ओपके के फैसले को लेकर असमंजस में था, इसलिए फैसले के तुरंत बाद उम्मीद के विपरीत कच्चे तेल में तेजी दर्ज की गई। उसके बाद अमेरिका द्वारा तेल आयातक देशों पर ईरान से तेल नहीं खरीदने के लिए दबाव बनाने से तेल का दाम ऊंचे स्तर पर बना हुआ है।