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नई दिल्ली: सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश की स्थिति में उसके कर्मचारियों के भविष्य को लेकर सदस्यों की आशंकाओं को खारिज करते हुए आज लोकसभा में कहा कि एयर इंडिया को मजबूती देने के लिए एक वैकल्पिक प्रणाली पर वह विचार कर रही है और उसका हाल किंगफिशर की तरह नहीं होने दिया जाएगा।

नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने लोकसभा में के सी वेणुगोपाल के प्रश्न के उत्तर में कहा कि हम नहीं चाहते कि एयर इंडिया का हाल किंगफिशर की तरह हो जहां किसी को फायदा नहीं हुआ। हम चाहते हैं कि एयर इंडिया चलती रही। इसके कर्मचारियों, यात्रियों की सेवा करना चाहते हैं। यह ऊंची उड़ान भरती रहे।

के सी वेणुगोपाल ने प्रश्नकाल में कहा कि खबरें हैं कि एयर इंडिया का निजीकरण किया जा रहा है और विनिवेश प्रक्रिया चल रही है। इसे लेकर एयर इंडिया के कर्मचारियों में बहुत आशंकाएं हैं।

 

इस पर नागर विमानन मंत्री राजू ने कहा, 'मैं सदस्य की आशंकाओं को दूर करने के लिए कहना चाहूंगा कि यह बहुत महत्वपूर्ण विषय है। कोई नहीं चाहता कि कोई भी कर्मचारी बेरोजगार हो।'

उन्होंने कहा कि एयर इंडिया के लिए एक वैकल्पिक प्रणाली पर विचार विमर्श की अगुवाई वित्त मंत्री अरुण जेटली कर रहे हैं। अगर एयर इंडिया के लिए कोई सुझाव हैं तो सदस्य बता सकते हैं। सरकार उस पर विचार करेगी।

रीजनल कनेक्टिविटी से संबंधित उड़ान योजना से संबंधित एक सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उड़ान योजना के पहले चरण में 31 हवाईअड्डें तैयार हो चुके हैं जिनमें से 14 में परिचालन चल रहा है। दूसरे चरण में करीब 41 और विमानपत्तनों को संचालित करने की योजना है।

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