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नई दिल्ली: रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से बड़ा झटका लगा है। ट्रिब्यूनल ने कंपनी का कंट्रोल सरकार के हाथों में दे दिया है। शुक्रवार को ट्रिब्यूनल ने कंपनी के 8 डायरेक्टर को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही सरकार को अपने 10 डायरेक्टर अप्वाइंट करने की मंजूरी दे दी है।

ट्रिब्यूनल ने कंपनी मामलों के मंत्रालय से 20 दिसंबर तक डायरेक्टर के नाम मांगे हैं। उसी दिन अगली सुनवाई होगी। बता दें कंपनी के 70 प्रोजेक्ट अधूरे हैं। इनमें ज्यादातर गुड़गांव में हैं। ये 2008 में शुरू हुए थे। डिलीवरी दिसंबर 2011 से होनी थी। पजेशन नहीं देने पर कोर्ट ने 2014 में तीन डायरेक्टर्स के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया था।

यूनिटेक ने घर खरीदारों से 7,800 करोड़ रु. ले रखे हैं। 4,688 खरीदारों ने पैसे वापस मांगे हैं। ये रकम 1,865 करोड़ रु. होती है। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि कंपनी को दिवालिया घोषित नहीं करवाना चाहते। इससे घर खरीदने वाले 20 हजार लोगों को परेशानी होगी। इससे पहले मामले की सुनवाई नाटकीय अंदाज में हुई।

सुबह सुनवाई के समय यूनिटेक के वकील नदारद थे। सरकारी वकील ने कहा कि याचिका की कॉपी यूनिटेक को भेजी गई थी। पर कंपनी ने कॉपी ले जाने वाले अधिकारी को ऑफिस में घुसने भी नहीं दिया. इसके बाद ट्रिब्यूनल ने फैसला दे दिया। तब कंपनी के वकील पहुंचे। उन्होंने ट्रिब्यूनल से आदेश स्थगित करने का आग्रह किया। पर ट्रिब्यूनल नहीं माना।

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