नई दिल्ली: देश की आर्थिक वृद्धि दर में पिछली पांच तिमाहियों से जारी गिरावट का रुख थम गया है। विनिर्माण क्षेत्र में तेजी के साथ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही। वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही थी। हालांकि, इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 7.5 प्रतिशत रही थी।
नए आंकड़े जारी होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भरोसा जताया है कि अगली तिमाही में और उछाल होगा। गुरुवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेटली ने कहा कि आर्थिक आंकड़ों के स्पष्ट है कि नोटबंदी और जीएसटी का प्रभाव अब समाप्ति पर है। आने वाली तिमाहियों में वृद्धि दर में और तेजी की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि सबसे अहम बात ये है कि इस क्वार्टर का पॉजिटव रिजल्ट- मैन्यूफ्कैचरिंग में ग्रोथ से अहम बना है। फिक्स कैपिटल फॉर्मेशन 4.7 हो गया है। इससे साबित होता है कि इन्वेस्टमेंट बढ़ रहा है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़े के अनुसार विनिर्माण, बिजली, गैस, जल आपूर्ति, अन्य उपयोग सेवाओं तथा व्यापार, होटल, परिवहन तथा संचार एवं प्रसारण से जुड़े सेवा क्षेत्र में 6 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई।
वहीं कृषि, वानिकी तथा मत्स्यन क्षेत्र की वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में 1.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज द्वारा हाल में करीब 14 साल बाद देश की रेटिंग बढ़ाये जाने के बाद आर्थिक वृद्धि का यह आंकड़ा आया है। वृद्धि दर के इस आंकड़े से मोदी सरकार के तरकश में एक और तीर आ गया है।
नोटबंदी तथा जीएसटी से 2,400 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के आरोपों को झेल रही मोदी सरकार के लिये वृद्धि का यह आंकड़ा राहत भरा है। रेटिंग एजेंसी मूडीज का अनुमान है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर 2017-18 में 6.7 प्रतिशत तथा अगले साल 7.5 प्रतिशत रहेगी।
मुख्य सांख्यिकीविद् टीसीए अनंत ने संकेत दिया कि आंकड़े बढ़ सकते हैं, क्योंकि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था को लेकर कारोबारियों में अनिश्चिता थी और हो सकता है उन्होंने उस दौरान कर का कम आकलन किया हो। ''आर्थिक वृद्धि दर में पांच तिमाही तक गिरावट के बाद चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर के रूख में हम बदलाव देख रहे हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्विटर पर लिखा है, ''सरकार का आर्थिक वृद्धि को गति देने का प्रयास रंग ला रहा है। यह दूसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में 7 प्रतिशत वृद्धि तथा सेवा क्षेत्र में 7.1 प्रतिशत वृद्धि से देखा जा सकता है। सकल स्थिर पूंजी निर्माण पहली तिमाही में 1.6 प्रतिशत से बढ़कर दूसरी तिमाही में 4.7 प्रतिशत पर पहुंच गया।
उन्होंने कहा, ''सितंबर तिमाही का जीडीपी का आंकड़ा उल्लेखनीय बदलाव के रुख को बताता है और यह विनिर्माण में तेजी का नतीजा है। जेटली ने कहा कि परंपरागत रूप से जुलाई-सितंबर तिमाही में त्योहारी मांग को पूरा करने के लिये काफी उत्पादन होता है। इससे पिछली तिमाही में कारोबारियों ने जीएसटी के क्रियान्वयन को देखते हुए उत्पादन में थोड़ा विलम्ब किया।
उन्होंने कहा कि सितंबर तिमाही में उत्पादन बढ़ने का कारण शुरुआती तौर पर खपत और बिक्री है। हालांकि इस दौरान कृषि वृद्धि घटकर 1.7 प्रतिशत रही।
वित्त मंत्री जेटली ने कहा, ''भारत में एक बड़ी चुनौती जो अभी कायम है और उसकी वजह से हमें विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा बनाने में मुश्किलें आ रही है, और वह यह कि हमारा समाज मोटे तौर पर कर अनुपालन में पीछे रहने वाला समाज है। उन्होंने कहा कि गैर- कर अनुपालन वाले समाज का प्रभाव कई क्षेत्रों में दिखाई देता है। उन्होंने कहा, ''सरकार का एक प्रयास कर प्रणाली को अनुपालन वाला बनाने का है। इससे सुरक्षा, बुनियादी ढांचा विकास और गरीबी उन्मूलन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर खर्च करने के लिए संसाधन जुटाने में मदद मिलती है।उन्होंने कहा कि एक बात हमेशा ध्यान रखनी होगी बुनियादी ढांचा तभी बनता है जब प्रयोगकर्ता भुगतान करता है।
उन्होंने हवाई अड्डे की सफलता का उदाहरण दिया। हवाई टिकट में प्रयोगकर्ता शुल्क पहले से लगा होता हे। नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर ध्यान दिए जाने के बारे में जेटली ने कहा कि 250 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं पर अभी काम चल रहा है। हम हर साल 10,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के कार्य का आवंटन करने की प्रक्रिया में हैं। इसी वजह से एक सामूहिक कार्यक्रम भारतमाला सामने आया है। अगले कुछ साल में भारतमाला परियोजना में 5.35 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा।
हवाई संपर्क के बारे में जेटली ने कहा कि सरकार उड़ान के तहत क्षेत्रीय संपर्क सुधारने के लिए 35 से 50 नए हवाई अड्डों का विकास कर रही है। एक घंटे की उड़ान के लिए यात्रियों को 2,500 रुपये देने होंगे।