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नई दिल्ली: बेशक जीएसटी को देश में लागू किए हुए लगभग पांच महीने का वक्त बीत चुका है, लेकिन इसके तहत किसी वस्तु पर कितने फीसदी वाला स्लैब लगेगा इसे लेकर अभी भी लोग असमंजस में नजर आते हैं। एक तरह जहां इस बारे में कम जानकारी होने के चलते ग्राहक खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं, तो वहीं दूसरी ओर कई जगह पर जीएसटी के नाम पर जमकर लूट भी हो रही है।

इस बारे में सवाल किए जाने पर फाइनेंस सेक्रेट्री हसमुख अधिया ने रविवार को कहा है कि छोटे रेस्टोरेंट अगर रेट बढ़ाते हैं तो इस पर सरकार का कोई कंट्रोल नहीं है। सरकार ने हाल ही में रेस्टोरेंट पर जीएसटी के तहत टैक्स रेट 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया था। लेकिन, कस्टमर्स को रेट कट का फायदा नहीं मिल रहा है। कई रेस्टोरेंट्स ने इसका फायदा कस्टमर्स को पास ऑन नहीं किया है।

अधिया का कहना है कि अगरे छोटे रेस्टोरेंट ज्यादा बिल के लिए खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ाते हैं और 5 फीसदी टैक्स होने का फायदा कस्टमर्स को नहीं देते हैं तो वे अपना नुकसान करेंगे। उनके कस्टमर्स कम होते जाएंगे। असल में ऐसी कई शिकायतें आई हैं कि तमाम रेस्टोरेंट्स ने रेट बढ़ा दिए हैं, जिससे जीएसटी कम होने के बाद भी कस्टमर्स को पहले की तरह ही या ज्यादा भुगतान करना पड़ रहा है।

फाइनेंस सेक्रेट्री का कहना है कि रेट को लेकर सरकार बड़े रेस्टोरेंट्स मालिकों से बात करेगी। उन्होंने कहा कि अगर बड़े रेस्टोरेंट्स भी मिलकर एक साथ रेट बढ़ाते हैं तो नए रेट का इनपुट टैक्स क्रेडिट से मिलान किया जाएगा। अगर दोनों में मिसमैच दिखता है तो एंटी प्रॉफिटियरिंग के तहत उन पर एक्शन किया जाएगा।

अधिया ने कहा कि नेशनल एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी के गठन को लेकर अगले हफ्ते सरकार के निर्णय की घोषणा कर दी जाएगी। असल में जीएसटी के तहत नेशनल एंटी प्रोफिटियरिंग अथॉरिटी को मंजूरी मिल चुकी है। अगर कोई भी जीएसटी से हटकर ज्यादा रेट वसूलता है तो उसकी शिकायत अथॉरिटी को की जा सकती है।

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