नई दिल्ली: साल 2028 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है और बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने हालिया अनुमान में कहा है कि अवास्तविक जीडीपी के मामले में यह जापान को पीछे छोड़ देगा। बैंक ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट इंद्रनील सेन गुप्ता और आस्था गुडवानी ने तैयार की है।
भारत अभी ही ब्राजील और रूस को पीछे छोड़ ब्रिक देशों में चीन के बाद दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बन गया है। 2019 तक भारत फ्रांस और ब्रिटेन को पीछे छोड़ जर्मनी के बाद दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनमी बनने की राह पर है।
अमेरिका के एक बैंक मेरिल लिन्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2028 तक भारत जर्मनी और जापान को जीडीपी (डॉलर के टर्म में) के मामले में पछाड़ देगा। इस रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि अगले दशक में भारत की इकॉनमी 10 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी और जापान की इकॉनमी (1.6 फीसदी) को पीछे छोड़ देगी।
अमेरिकन ब्रोकरेज ने 7 फीसदी की दर से भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ की क्षमता का अनुमान जताया है। हालांकि 2028 में अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी की साइज क्या होगी, इस संबंध में रिपोर्ट में जानकारी नहीं दी गई है।
रिपोर्ट का शीर्षक 'इंडिया 2028: द लास्ट ब्रिक इन द वॉल' है। इसमें कहा गया है कि निर्भरता अनुपात में गिरावट, वित्तीय परिपक्वता और लोगों की बढ़ती आय व सामर्थ्य ऐसे तीन प्रमुख कारक होंगे जिनकी वजह से भारत सर्वाधिक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक 2028 में भारत का निर्भरता अनुपात (0-14 साल और 65 साल से आयु वर्ग में अनुत्पादक आबादी) का प्रतिशत अभी के 52.2 फीसदी के मुकाबले घटकर 46.2 फीसदी रह जाएगा। इससे जीडीपी पर बचत दर के 32 फीसदी के बराबर रहने का अनुमान है। 2000-17 से तुलना करें तो बचत दर 31.4 फीसदी रही थी। बढ़ती बचत दर से 2028 में इन्वेस्टमेंट रेट भी जीडीपी के 35 फीसदी होनी चाहिए।