नई दिल्ली: गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स, यानी जीएसटी की सर्वाधिक दर 28 फीसदी के तहत अब तक आने वाली लगभग 220 वस्तुओं में से अब सिर्फ 50 वस्तुओं पर ही यह दर लागू होगी, और शेष वस्तुओं को कम टैक्स वाली स्लैबों में डाल दिया गया है। दरअसल, व्यापारियों तथा छोटे व्यवसायियों की शिकायत थी कि इसी साल 1 जुलाई से लागू किए गए नए राष्ट्रव्यापी टैक्स की वजह से उनकी टैक्स देनदारी और प्रशासनिक खर्च बढ़ गया है, और इसी वजह से यह फैसला किया गया है।
केंद्र सरकार ने अब जनता को बड़ी राहत देते हुए जीएसटी के 28 परसेंट टैक्स स्लैब के दायरे में आने वाली 177 वस्तुओं को 18 फीसदी टैक्स स्लैब के दायरे में ला दिया है। असम के गुवाहाटी में हुई जीएसटी काउंसिल की 23वीं बैठक के बाद शुक्रवार शाम वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका ऐलान किया। वस्तुओं पर जीएसटी की नई दरें 15 नवंबर से लागू होंगी।
वित्त मंत्री ने बताया कि सीमेंट और पेंट पर 28 प्रतिशत जीएसअी लगेगा, सिर्फ 50 लग्जरी सामानों पर ही जीएसटी की दर 28 प्रतिशत होगी। देश के सभी एसी और नॉन एसी रेस्टोरेंट्स में जीएसटी की दर 5 प्रतिशत होगी।
जेटली ने बताया कि 13 वस्तुओं को 18 प्रतिशत से 12 प्रतिशत जीएसटी टैक्स स्लैब में, 6 वस्तुओं को 18 प्रतिशत से 5 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में रखा गया है। वहीं, 6 वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर किया गया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि पांच सितारा होटल 18 प्रतिशत कर लेंगे। उन्हें इनपुट कर क्रेडिट मिलेगा। निचली श्रेणी के होटलों पर पांच प्रतिशत का जीएसटी लगेगा। उन्हें इनपुट कर क्रेडिट नहीं मिलेगा। रेस्तरां उद्योग को इनपुट कर क्रेडिट नहीं मिलेगा। सभी एसी और गैर एसी रेस्तरांओं के लिए कर की दर समान पांच प्रतिशत रहेगी।
राजस्व और वित्त सचिव हसमुख अधिया ने बताया कि जीएसटीआर-3बी दाखिल करने की अंति समय सीमा मार्च तक के लिए बढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया कि देरी से जीएसटी दाखिल करने पर शून्य देनदारी वाले करदाताओं पर जुमार्ना 200 रुपए से घटाकर 20 रुपए प्रतिदिन कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि आफ्टर शेव, डिओड्रेंट, वॉशिंग पाउडर, ग्रेनाइट और मार्बल जैसे आइटमों पर अब 18 परसेंट टैक्स लगेगा।
गौरतलब है कि जीएसटी लागू होने के बाद से ही जरूरी उपयोग की वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स वसूलने को लेकर सरकार की काफी आलोचना हो रही थी। जिसके बाद सरकार द्वारा इन वस्तुओं पर टैक्स कम करने की उम्मीद पिछले कुछ समय से जताई जा रही थी। क्या होगा सस्ता क्या सस्ता नहीं होगा?
जीएसटी काउंसिल की 23वीं बैठक में फैसला हुआ कि सैनेटरी, सूटकेस, वॉलपेपर्स, प्लाईवुड, स्टेशनरी आर्टिकल, घड़ी, प्लेइंग इंस्ट्रूमेंट्स, आफ्टर शेव, डिओड्रेंट, वॉशिंग पाउडर, ग्रेनाइट और मार्बल जैसे कई उत्पाद अब 18 परसेंट वाले दायरे में आएंगे। वहीं पेंट, सीमेंट, वॉशिंग मशीन, फ्रिज और तंबाकू जैसे सामानों पर कोई राहत नहीं मिली है।