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नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद और केंद्र सरकार के बीच 10 हजार करोड़ रुपये का करार हुआ है। वर्ल्ड फूड इंडिया 2017 के दौरान भारत सरकार और पतंजलि के बीच 10 हजार करोड़ रुपये का एमओयू साइन हुआ है।

इस दौरान केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल भी मौजूद थीं। इससे पहले पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्‍ण ने कहा कि उनकी कपंनी देश को बिजनेस के एक माध्यम के तौर पर नहीं देखती। इसके कारण ही पतंजलि को इतनी सफलता मिली है और लोगों के बीच उसके उत्पाद लोकप्रिय हैं।

केंद्र और पतंजलि के बीच हुए समझौते पर विपक्षी दलों की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब पतंजलि के साथ भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने समझौता किया है। इस साल की शुरुआत में हरियाणा की खट्टर सरकार ने मोरनी की पहाड़ियों में औषधीय खेती के लिए पतंजलि योगपीठ के साथ समझौता किया था।

इसके तहत 53 एकड़ में वर्ल्ड हर्बल फोरेस्ट स्‍थापित किया जाएगा। आचार्य बालकृष्‍ण ने उस समय कहा था कि इस प्रोजेक्ट में योगपीठ केवल परामर्शदाता के तौर पर काम करेगी। अगस्त में उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने कहा था कि हर्बल खेती के लिए वह पतंजलि के साथ साझेदारी करेगी।

अक्टूबर में उत्तरप्रदेश के एक मंत्री ने कहा था कि पतंजलि राज्य में एक फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाएगी, जिसमें करीब 25 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

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