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नई दिल्ली: देश की अर्थव्यवस्था पर चौतरफा हमला झेल रही केंद्र सरकार ने आज दावा किया है कि भारत की अर्थव्यवस्था का ढांचा मजबूत है और हर चुनौती से निपटने में सक्षम है। वरिष्ठ आर्थिक विशेषज्ञों के साथ मीडिया से मुखातिब होते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत पिछले तीन सालों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बन रहा है।

उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत है और जीडीपी की वृद्धि सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ रही है। वित्त मंत्री ने देश का आर्थिक रोडमैप पेश करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उभरने के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगले पांच सालों में 83,677 किलोमीटर के राजमार्गों का निर्माण "अधिक रोजगार, अधिक विकास" बनाने के लिए किया जाएगा।

केंद्र सरकार ने महत्वाकांक्षी भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 83 हजार किलोमीटर की राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण को मंगलवार को मंजूरी दे दी। कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेस कर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में जानकारी दी।

इस योजना के तहत अगले पांच साल में सात लाख करोड़ रुपये खर्च करके 83,000 किलोमीटर से अधिक राजमार्ग का विकास किया जाएगा। सरकार ने इन परियोजनाओं को 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। केंद्र सरकार के अधिकारी ने कहा कि जिन राजमार्ग परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, उसमें आर्थिक गलियारा विकास शामिल है। इसका मकसद माल ढुलाई में तेजी लाना होगा।

इसके साथ ही प्रमुख शहरों के बीच तय किए जाने वाले समय में भी काफी कमी आएगी। आर्थिक गलियारे के तहत मुंबई-कोचीन-कन्याकुमारी, बेंगलुरु-मेंगलुरु, हैदराबाद-पणजी, संबलपुर-रांची के मार्ग शामिल हैं।

भारतमाला परियोजना के तहत कुल 44 आर्थिक गलियारों की पहचान की गई है। इससे पहले सरकार आर्थिक गलियारे के तहत 21 हजार किलोमीटर और फीडर रूट के 14 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण का ऐलान कर चुकी है। प्रधानमंत्री कार्यालय सार्वजनिक निवेश बोर्ड से प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण की परियोजनाओं को मंजूरी का निर्देश दे चुका है।

भारतमाला परियोजना के लिए 2.09 लाख करोड़ रुपये बाजार से, 1.06 लाख करोड़ निजी निवेशकों से और 2.19 लाख करोड़ टोल आदि से जुटाया जाएगा।

केंद्र सरकार की बड़ी योजना

भारतमाला केंद्र सरकार की वृहद सड़क निर्माण परियोजना है। इसका मकसद राजमार्ग के विकास के साथ सीमावर्ती और अन्य क्षेत्रों में संपर्क व्यवस्था में सुधार लाना है। सड़क परिवहन और राज मार्ग मंत्रालय ने ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म एटी कर्ने से भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए अध्य्यन कराया था।

राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एनएचडीपी (नेशनल हाइवे डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट) शुरू किया था। इसके तहत चार महानगर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई को जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज योजना बनाई गई थी। इसमें श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ने वाला नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर और पोरबंदर से सिलचर से जोड़ने वाला ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर शामिल था।

83 हजार किमी सड़कें

- 83,677 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाएगा

- 34,800 किलोमीटर सड़के बनाई जाएंगी पहले चरण में, सीमांत सड़कों पर जोर रहेगा।

- 9,000 किलोमीटर का आर्थिक कारिडोर होगा।

- 6000 किलोमीटर का फीडर कारिडोर मार्ग होगा।

- 5000 किलोमीटर के नेशनल कारिडोर का विकास होगा। 

- 2000 किलोमीटर सीमांत सड़कों का निर्माण होगा। 

- 800 किलोमीटर ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण।

6.92 लाख करोड़ की योजना

- 14.2 करोड़ दिन तक लोगों को रोजगार मिल सकेगा इन योजनाओं में 

- 05 साल में सात चरणों में पूरी की जाएगी योजना। 

- 6.92 लाख करोड़ रुपये का बजट तय है भारतमाला के लिए

- 70 फीसदी हिस्सा परियोजना का केंद्र सरकार खर्च करेगी

- 30 फीसदी हिस्सा निजी भागीदारी से आएगा। 

जेटली की प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बातें 

- रेलवे के निजीकरण पर वित्त मंत्री ने कहा कि वह किस माध्यम से करना है इसका फैसला रेल मंत्रालय करेगा

- 2008 से 2013 के बीच पब्लिक सेक्टर बैंक अव्यवस्थित रूप से कर्ज देने में लगे हुए थे: वित्त मंत्री जेटली

- जिन लोगों को 2जी और कोल स्कैम की आदत थी उन्हें एक कानूनी रूप से वैध टैक्स से परेशानी होगी ही : वित्त मंत्री जेटली

- नोटबंदी के बाद पब्लिक सेक्टर बैंकों के पास पर्याप्त मात्रा में कर्ज देने की क्षमता है: : वित्त मंत्री अरुण जेटली

- आने वाले महीनों में और भी कई बैंकिंग सुधारों की घोषणा की जाएगी: जेटली 

- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी बैंकों के लिए 2.11 लाख करोड़ की पुन: पूंजीकरण की योजना को मंजूरी दी।

- सौभाग्य योजना के तहत हर घर में बिजली पहुंचाने की कोशिश की जाएगी: वित्त मंत्रालय

- रेलवे में भी सुधार लाने की कोशिश की जाएगी: वित्त मंत्रालय

- वित्त सचिव अशोक लवास ने ऐलान किया कि भारतमाला प्रोग्राम के तहत 34,800 किलोमीटर सड़क बनाई जाएगी।

- अगले पांच सालों में 6.92 लाख करोड़ रुपये की लागत से 83,677 किलोमीटर सड़कें बनाई जाएंगी: वित्त सचिव।

- सरकार को विश्वास चालू वित्त वर्ष में विनिवेश 72,500 करोड़ रपये के लक्ष्य से ऊपर जाएगा:  सुभाष गर्ग।

- चालू खाता घटा इस वर्ष दो प्रतिशत से कम होने का अनुमान। विदेशी मुद्रा भंडार 400 अरब अमेरिकी डॉलर से ऊपर पहुंच चुका है:  सुभाष गर्ग।

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