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मुंबई: अमेरिकी ट्रेजरी ने कहा है कि वह भारत के बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार पर नजर रखेगा। अमेरिका के मेजर ट्रेडिंग पार्टनर्स की विदेशी मुद्रा नीतियां शीर्षक वाली ये रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस को प्रस्तुत की गई। ट्रेजरी ने भारत के विदेशी मुद्रा और मैक्रोइकॉनॉमिक नीतियों की बारीकी से निगरानी करने की बात कही है।

2017 के पहले छमाही में, भारत की शुद्ध विदेशी मुद्रा खरीद के पैमाने और दृढ़ता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो कि जून 2017 तक चार तिमाहियों में 42 अरब डॉलर (जीडीपी का 1.8%) बढ़ी है। भारत की अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय माल व्यापार अधिशेष है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जून 2017 तक चौथी तिमाही में कुल 23 अरब डॉलर का व्यापार था। देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार तीन सप्ताह की गिरावट से उबरता हुआ 13 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में एक बार फिर 400 अरब डॉलर के पार पहुंच गया। आलोच्य सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1.50 अरब बढ़कर 400.30 अरब डॉलर पर रहा।

इससे पहले 6 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में यह 86.22 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 398.79 अरब डॉलर पर रहा था।

रिजर्व बैंक द्वारा आज जारी आँकड़ों के अनुसार, 13 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 1.48 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 375.27 अरब डॉलर पर पहुँच गया। हालाँकि, स्वर्ण भंडार 21.24 अरब डॉलर पर स्थिर रहा।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 1.43 करोड़ डॉलर बढ़कर 2.28 अरब डॉलर और विशेष आहरण अधिकार 95 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 1.50 अरब डॉलर पर रहा।

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