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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने रियल इस्टेट कारोबारी आम्रपाली समूह के निदेशकों को उसकी अनुमति के बगैर विदेश जाने से आज रोक दिया है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय पीठ ने आम्रपाली सिलिकन सिटी वैली फ्लैट ओनर्स वेलफेयर सोसायटी की याचिका पर कंपनी को नोटिस जारी किया है।

कंपनी को दो सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देना है। कोर्ट ने इसके साथ ही वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफडे को फ्लैट खरीददारों के मामले में मदद के लिये न्याय मित्र नियुक्त किया है।

बता दें कि आम्रपाली सेन्चुरियन पार्क प्रा. लिमिटेड की ग्रेटर नोएडा में तीन अन्य परियोजनाओं में मकान खरीदने वाले सौ ऐसे ही निवेशकों की एक अन्य याचिका पर कोर्ट ने छह अक्तूबर को केन्द्र और आम्रपाली समूह को नोटिस जारी किए थे।

याचिका में आम्रपाली सिलिकन सिटी प्रा लिमिटेड को दिवालिया घोषित करने के लिये नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में शुरू की गई कार्यवाही को कैंसिल करने का अनुरोध किया है क्योंकि इससे आम्रपाली सेन्चुरियन पार्क प्रा लिमिटेड के मकान खरीददार प्रभावित हुए हैं।

दिवालियापन कानून के तहत रियल इस्टेट कंपनी को दिवालिया घोषित करने की कार्यवाही शुरू होने के बाद मकान खरीददारों के पक्ष में उपभोक्ता अदालतें और धन की वसूली से संबंधित दीवानी अदालतों की डिक्री पर अमल नहीं हो सकता है।

मकान खरीददार चाहते हैं कि उन्हें भी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के समकक्ष माना जाए या फिर दिवालिया घोषित करने संबंधी संहिता के प्रावधानों को समता और जीने के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने वाला करार देते हुये असंवैधानिक घोषित किया जाए।

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