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नई दिल्ली: दूरसंचार कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज का विलय भारती एयरटेल में होगा। इस सौदे को दुनिया के सबसे बड़े दूरसंचार बाजारों में से एक भारत में एकीकरण का एक और मजबूत संकेत माना जा रहा है। प्रस्तावित सौदे के तहत टाटा टेलीसर्विसेज (टीटीएसएल) व टाटा टेलीसर्विसेज महाराष्ट्र (टीटीएमएल) के चार करोड़ से अधिक ग्राहक भारती एयरटेल में चले जाएंगे। सौदे के बारे में नियामकीय मंजूरी ली जानी है।

उल्लेखनीय है कि टाटा समूह की कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज मोबाइल टेलीफोन कारोबार से निकलते हुए अपनी वित्तीय दिक्कतों पर पार पाने की कोशिश कर रही है। दोनों कंपनियों ने एक साझा बयान में कहा है कि यह सौदा ‘कोई ऋण नहीं-कोई नकदी नहीं’ आधार पर किया है। यानी एयरटेल इसमें टाटा टेलीसर्विसेज के 40,000 करोड़ रुपये के कर्ज में कोई हिस्सेदारी नहीं करेगी और न ही नकदी का भुगतान करेगी।

यहां तक कि टीटीएसएल द्वारा खरीदे गए स्पेक्ट्रम के लिए 9,000-10,000 करोड़ रुपये के विलंबित भुगतान में से 70-80 प्रतिशत हिस्से का भुगतान भी टाटा करेगा।

भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने इस सौदे को भारतीय मोबाइल उद्योग के सुदृढ़ीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण घटनाक्रम करार दिया है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त स्पेक्ट्रम अधिग्रहण से आकर्षक कारोबारी प्रस्थापना बनेगी।

वहीं टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा है कि यह समझौता टाटा समूह व इसके भागीदारों के लिए श्रेष्ठ व सबसे बेहतर समाधान है। उन्होंने कहा है कि अनेक विकल्पों पर विचार के बाद एयरटेल के साथ यह समझौता किया गया है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय दूरसंचार उद्योग विलय व अधिग्रहण के जरिए एकीकरण की राह पर है तथा विश्लेषकों का मानना है कि इस सौदे से इस प्रक्रिया को और बल मिलेगा।

इसी साल मार्च में वोडाफोन इंडिया व आइडिया सेल्यूलर ने विलय की घोषणा की थी। भारती एयरटेल इस सौदे के तहत 19 दूरसंचार सर्किलों में टाटा सीबीएम के परिचालन का खुद में विलय करेगी।

इस विलय से 1800, 2100 व 850 मेगाहटर्ज बैंड में भारती एयरटेल का स्पेक्ट्रम पूल 178.5 मेगाहटर्ज बढ़ेगा। भारती एयरटेल, टाटा संस, टीटीएसएल व टीटीएमएल के बोर्डों ने इस सौदे को मंजूरी दे दी है। इसके अनुसार टाटा व भारती एयरटेल सहयोग के अन्य साझे क्षेत्रों पर भी विचार करेंगी।

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