नई दिल्ली: भारत के सबसे अमीर व्यक्ति और रिलाएंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी ने नया मुकाम पाया है। अंबानी ने अमीरों की सूची जारी करने वाली संस्था फॉर्ब्स की लिस्ट में लगातार 10वें साल भारत के सबसे अमीर व्यक्ति बनकर उभरे हैं। उनकी कुल संपत्ति बढ़कर 38 अरब डॉलर यानी पहुंच गई है। हैरानी की बात यह है कि आर्थिक सुस्ती के बाद भी शीर्ष 100 अमीर लोगों की संपत्ति में 26 प्रतिशत इजाफा हुआ है।
पत्रिका के अनुसार, देश की तीसरी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो के मालिक अजीम प्रेमजी 19 अरब डॉलर के नेटवर्थ के साथ दूसरे स्थान पर काबिज हैं। उन्होंने पिछले साल की तुलना में दो स्थान की छलांग लगाई है। हिंदुजा ब्रदर्स 18.4 अरब डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर, लक्ष्मी मित्तल 16.5 अरब डॉलर के साथ चौथे तथा पल्लोनजी मिस्त्री 16 अरब डॉलर के साथ पांचवें स्थान पर रहे हैं।
दवा बनाने वाली कंपनी सन फार्मा के दिलीप सांवी 12.1 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ नौवें स्थान पर रहे हैं। वह पिछले साल की सूची में दूसरे स्थान पर थे। फॉर्ब्स ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक प्रयोगों का भारत के अरबपतियों पर नाममात्र का असर पड़ा है।
पिछले एक साल के दौरान मुकेश अंबानी की संपत्ति में 153 अरब डॉलर यानी 67 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इस तरह वह शीर्ष स्थान पर अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ ही एशिया के शीर्ष पांच अमीरों में शामिल होने में सफल रहे हैं।
मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी अमीरों की सूची में काफी नीचे 45वें स्थान पर रहे हैं। उनकी संपत्ति 3.15 अरब डॉलर आंकी गयी है। पिछले साल वह 32वें तथा 2015 में 29वें स्थान पर रहे थे. योगगुर रामदेव के करीबी सहयोगी के रूप में जाने जाने वाले पतंजलि आयुर्वेद के आचार्य बालक्रष्ण लंबी छलांग लगाकर 6.55 अरब डॉलर यानी 43 हजार करोड़ रूपये की संपत्ति के साथ 19वें स्थान पर पहुंच गये हैं।
पिछले साल वह 48वें स्थान पर रहे थे। पत्रिका ने कहा, भारत की आर्थिक स्थिति हिचकोले में होने के बाद भी फॉर्ब्स इंडिया रिच लिस्ट 2017 में शामिल अमीरों की संपत्ति संयुक्त तौर पर 26 प्रतिशत बढ़ी है और यह 479 अरब डॉलर यानी 31 लाख करोड़ रूपए से अधिक हो गयी है।
फोर्ब्स के अनुसार, भारत की तेजी से आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्था ने पिछले साल नवंबर में नोटबंदी तथा राष्ट्रव्यापी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) क्रियान्वयन के बाद रफ्तार गंवा दी थी और जून में समाप्त तिमाही में आर्थिक वद्धि दर तीन साल के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गयी। इसके बाद भी शेयर बाजारों ने नयी ऊंचाइयां हासिल कीं जिससे भारत के शीर्ष 100 अमीरों की संपत्ति में इजाफा हुआ।
मुकेश अंबानी के मामले में तेल शोधन मुनाफा सुधरने और दूरसंचार इकाई रिलायंस जियो की शुरआत के बाद 13 करोड़ उपभोक्ता जोड़ने से रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में उछाल आया। पत्रिका ने बताया कि सूची में नाम बरकरार रखने वाले अमीरों का 80 प्रतिशत हिस्सा संपत्ति में व्रद्धि करने में सफल रहे हैं। सूची में शामिल 27 अरबपतियों की संपत्ति में एक अरब डॉलर या इससे अधिक का इजाफा हुआ है।
सूची में पहली बार शामिल होने वालों में नुस्ली वाडिया 5.6 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ 25वें स्थान पर रहे हैं। पहली बार शामिल होने वाले शीर्ष पांच अमीरों में ई-गवर्नेंस समाधान देने वाली कंपनी वक्रांगी के दिनेश नंदवाना 1.72 अरब डॉलर के साथ 88वें, मोबाइल वॉलेट पेटीएम के विजय शेखर शर्मा 1.47 अरब डॉलर के साथ 99वें तथा यस बैंक के राणा कपूर 1.46 अरब डॉलर के साथ 100 वें स्थान पर रहे हैं।
वरिष्ठ निवेशक राधाकिशन दमानी मार्च में अपनी कंपनी डीमार्ट की सूचीबद्धता के कारण सूची में पुन: स्थान बनाने में कामयाब रहे हैं। वह 9.3 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ 12वें स्थान पर काबिज हुए हैं। सूची में पुन: जगह बनाने वालों में फ्यूचर ग्रुप के किशोर बियानी 2.75 अरब डॉलर के साथ 55वें तथा मुरलीधर एवं बिमल ज्ञानचंदानी 1.96 अरब डॉलर के साथ 75वें स्थान पर रहे हैं।