नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल ने देश में कैशलैस भुगतान को बढ़ावा देने के लिए आज (बुधवार) वेतन भुगतान कानून में संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश के साथ ही अब कारोबारी अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन का भुगतान इलेक्ट्रानिक तरीके, चेक और अकाउंट में करेगा। मंत्रिमंडल ने शत्रुसंपत्ति अधिनियम को भी मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने बुधवार को वेतन भुगतान कानून, 1936 में संशोधन के लिए अध्यादेश का रास्ता चुना। इसके जरिये कारोबारी तथा कुछ उद्योग वेतन का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके या चेक से कर सकेंगे। इसके अलावा कारोबारी के पास वेतन का भुगतान नकद में करने का भी विकल्प होगा। सरकार आमतौर पर नए नियमों को तत्काल क्रियान्वित करने के लिए अध्यादेश लाती है। अध्यादेश छह माह के लिए वैध होता है। इस अवधि में सरकार को इसे संसद में पारित कराने की जरूरत होती है। वेतन भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2016 के तहत मूल कानून की धारा छह में संशोधन का प्रस्ताव है जिससे नियोक्ता अपने कर्मचारियों को उनके वेतन का भुगतान चेक से या इलेक्ट्रॉनिक तरीके से उनके बैंक खाते में डालकर कर सकेंगे। पिछले दिनों नोटबंदी पर हंगामे के बीच श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने संसद में यह विधेयक पेश किया था। इसके तहत राज्य सरकारें ऐसे उद्योग या प्रतिष्ठान तय कर सकती हैं जो वेतन देने के लिए नकदीरहित तरीके का इस्तेमाल करते हैं।
विधेयक में कहा गया है कि यह नई प्रक्रिया डिजिटल और कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था के उद्देश्य को पूरा करती है। यह कानून 23 अप्रैल, 1936 को अस्तित्व में आया था। इसके तहत वेतन का भुगतान सिक्के और मुद्रा नोटों या दोनों में किया जा सकता है। इसमें वेतन का भुगतान चेक या बैंक खाते के जरिये करने के प्रावधान को 1975 में शामिल किया गया। फिलहाल इस कानून के दायरे में प्रतिष्ठानों के कुछ श्रेणियों के वे कर्मचारी आते हैं जिनका वेतन 18,000 रुपये मासिक से अधिक नहीं है। केंद्र सरकार वेतन भुगतान के बारे में रेलवे, हवाई परिवहन सेवाओं, खान, तेल क्षेत्र और स्वयं के प्रतिष्ठानों के मामले में नियम बना सकती है। अन्य मामलों में राज्यों को फैसला करना होता है। कानून में राज्य स्तर पर संशोधन के जरिये आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, केरल और हरियाणा ने पहले ही चेक और इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वेतन भुगतान का प्रावधन कर दिया है। फिलहाल कर्मचारी से लिखित में लेकर उसका वेतन चेक के जरिये या उसके खाते में सीधे डाला जा सकता है। गौरतलब है कि आठ नंवबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के पुराने नोट बंद करने की घोषणा की थी। इसके बाद से सरकार ने नकद की जगह डिजिटल भुगतान करने को बढ़ावा देने के लिए कई फैसले लिए हैं। कैशलेस पेमेंट की जगह ई-पेमेंट या चेक पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने आम लोगों और व्यापारियों के लिए कई राहत भरे कदमों का ऐलान तो किया ही, 1 करोड़ रुपये तक के पुरस्कार दिए जाने की भी घोषणा कर चुकी है।