ताज़ा खबरें
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा
संसद में अडानी के मुद्दे पर हंगामा, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत
निज्जर हत्याकांड: कनाडा में चार भारतीयों के खिलाफ सीधे होगा ट्रायल

नई दिल्ली: सरकार बैंकों में जमा बिना हिसाब किताब वाले धन पर जहां एक तरफ कड़ा जुर्माना लगाने की पहल कर रही है वहीं उसने शुक्रवार को कहा कि राजनीतिक दलों के खाते में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों में जमा राशि पर आयकर नहीं लगेगा। हालांकि, इसके साथ ही सरकार ने यह भी कहा है कि इसमें यह देखा जाएगा कि राजनीतिक दलों को मिलने वाला व्यक्तिगत चंदा 20000 रुपये से कम होना चाहिए और यह दस्तावेजों में दर्ज होना चाहिए। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा है कि सरकार राजनीतिक दलों को प्राप्त कर छूट में कोई छेड़छाड़ नहीं कर रही है। राजनीतिक दल 500 और 1000 रुपये के नोट अपने खातों में जमा कराने के लिए मुक्त हैं। लेकिन इस प्रकार की जमा पर शर्त होगी कि इसमें नकद में लिया गया व्यक्तिगत चंदा 20,000 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए और इसके पूरे दस्तावेज होने चाहिए जिसमें दानदाता की पूरी पहचान होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई एक व्यक्ति 20000 रुपये से अधिक का दान पार्टी को देता है तो मौजूदा कानून के तहत वह चेक अथवा बैंक ड्राफट के जरिये होना चाहिये। सरकार ने यह भी कहा है किसानों की कृषि आय कर मुक्त है, हालांकि, इस मामले में किसानों को एक घोषणा पत्र देना होगा जिसमें यह कहना होगा कि उनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम है। ऐसी घोषणा से उन्हें बैंक जमा के लिए पैन की आवश्यकता नहीं होगी। अधिया ने कहा कि जो किसान घोषणा पत्र जमा नहीं कर पाएंगे उन्हें स्थायी खाता संख्या यानी पैन देना होगा। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। 

उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों की बैंक जमा राशि पर कर नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि यह राशि राजनीतिक दल के खाते में जमा है तो उस पर छूट है लेकिन यदि यह राशि किसी व्यक्तिगत खाते में पड़ी है तो उसके बारे में सूचना हमारे रडार में आ जाएगी। यदि कोई व्यक्ति अपने खाते में पैसा रख रहा है तो इसके बारे में हमें सूचना मिल जाएगी। अधिया ने कहा कि आयकर कानून 1961 की धारा 13ए के तहत राजनीतिक दलों को उनकी आय पर कर से छूट प्राप्त है। उनकी यह आय आवास संपत्ति, अन्य स्रोतों, पूंजीगत लाभ और किसी व्यक्ति की ओर से स्वैच्छिक योगदान से हो सकती है। राजनीतिक दलों को इन श्रेणियों में होने वाली आय बिना किसी मौद्रिक और अन्य सीमाओं के साथ आयकर छूट प्राप्त है और इस प्रकार की छूट प्राप्त आय को आयकर आकलन के लिये राजनीतिक दलों की कुल आय में भी शामिल नहीं किया जाता है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की कर छूट तभी प्राप्त होगी जब राजनीतिक दल अन्य दस्तावेजों और खातों का रखरखाव करेंगे और उनके खातों की चार्टर्ड एकाउंटेंट द्वारा लेखा परीक्षा की गई होगी। अधिया ने कहा कि कर विभाग 2.5 लाख रुपये कम राशि की जमा को लेकर अनावश्यक उसकी जांच पड़ताल नहीं करेगी।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख