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नई दिल्ली: आदर्श जीएसटी कानून पर ताकतवर जीएसटी परिषद की बैठक के पहले दिन किसी तरह की सहमति नहीं बन पाई है। इस मुद्दे पर परिषद की बैठक में शनिवार को फिर विचार विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा परिषद की बैठक में नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में करदाताओं के दोहरे नियंत्रण के मुद्दे को भी सुलझाने का प्रयास किया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की पांचवीं बैठक में नोटबंदी के राजस्व पर पड़ने वाले असर का भी आकलन किया जाएगा। परिषद में राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल हैं। केंद्र की योजना जीएसटी को एक अप्रैल से लागू करने की है। संवैधानिक बाध्यता की वजह से सरकार के लिए जीएसटी को अगले साल 16 सितंबर तक लागू करने की बाध्यता है। कुछ राज्यों के वित्त मंत्रियों ने भरोसा जताया कि अभी भी जीएसटी को एक अप्रैल, 2017 से लागू किया जा सकता है, हालांकि समय निकलता जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के वित्त मंत्री हासिब द्राबु ने कहा कि दोहरे नियंत्रण पर अभी कोई सहमति नहीं बन पाई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि जीएसटी को 1 अप्रैल से लागू करने की संभावना कायम है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रियों ने राज्य जीएसटी कानून पर विचार विमर्श किया। ‘हम आदर्श जीएसटी कानून को लेकर अधिक चीजों को स्पष्ट कर सकेंगे।’ केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि बैठक बेनतीजा रही। हमें एजेंडा तय करने में ही दो घंटे खर्च करने पड़े।

जीएसटी परिषद को कल अपनी बैठक में आदर्श जीएसटी कानून, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) तथा मुआवजा कानून को अंतिम रूप देना होगा।

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