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नई दिल्ली: नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में कुछ समय के लिये उथल पुथल को स्वीकार करते हुये वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि इसका अर्थव्यवस्था पर एक तिमाही के करीब असर देखा जा सकता है लेकिन आने वाले लंबे समय में इसके कई फायदे होंगे। जेटली ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘जब कोई बदलाव होता है तो कुछ उथल पुथल होती है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह ज्यादा समय रहेगी। आप इसका असर एक तिमाही अथवा इसके आसपास देख सकते हैं। इसके बाद अगली 12-15 तिमाहियों को देखेंगे तो निश्चित ही इसका फायदा आपको दिखेगा।’ नोटबंदी के बाद आर्थिक गतिविधियों के रुझान की बात करते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि रबी मौसम की बुवाई पिछले साल से अधिक हुई है जबकि आटोमोबाइल क्षेत्र में बिक्री मिली जुली रही है। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल कर रही है। उसका दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का तमगा बरकरार है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस साल भी भारत संभवत: सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। जीएसटी के मुद्दे पर जेटली ने कहा कि इसके क्रियान्वयन को अगले साल 17 सितंबर के बाद नहीं टाला जा सकता। यह संवैधानिक बाध्यता है। उन्होंने कहा, ‘पहली बात यह है कि संविधान जीएसटी पर अमल में देरी की अनुमति नहीं देता।

16 सितंबर को अधिसूचित जीएसटी और संविधान संशोधन में कहा गया है कि अप्रत्यक्ष कर की मौजूदा व्यवस्था एक साल के लिये जारी रह सकती है, उसके बाद जीएसटी लाना होगा।’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘इस लिहाज से यदि 16 सितंबर 2017 तक जीएसटी लागू नहीं हुआ तो उसके बाद देश में कोई कर नहीं होगा। इसलिये 16 सितंबर 2017 से पहले वस्तु एवं सेवाकर को लागू करना संवैधानिक बाध्यता है, अन्यथा देश नहीं चल पायेगा, इसके लिये कर बहुत जरूरी है।’ जेटली ने कहा कि सरकार की मंशा है कि एक अप्रैल 2017 से जीएसटी को लागू किया जाये।

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