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नई दिल्ली: हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट आफ जस्टिस (आईसीजे) ने वोडाफोन ग्रुप के साथ विवाद में पंचाट की अध्यक्षता कर रहे जज को बदलने की भारत की याचिका को खारिज कर दिया है। यह भारत के लिए एक झटका माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार का 22,100 करोड़ रुपये के कर मामले में वोडाफोन समूह के साथ विवाद चल रहा है। भारत चाहता था कि पंचाट में तीन सदस्य समिति की अध्यक्षता कर रहे सर फ्रेंकलिन बर्मन को हटाया जाए क्योंकि वे ब्रिटिश नागरिक हैं और वोडाफोन भी ब्रिटेन की कंपनी है। इस तरह से यह हितों के टकराव का मामला है। जानकार सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आईसीजे ने भारत की याचिका खारिज कर दी। आईसीजी ने ही तटस्थ व सभापति जज के रूप में बर्मन की नियुक्ति की थी। वोडाफोन ने भारत सरकार के खिलाफ दो अलग-अलग पंच निर्णय प्रक्रिया शुरू की हैं। इनमें से एक भारत- नीदरलैंड द्विपक्षीय निवेश संधि तथा एक भारत ब्रिटेन द्विपक्षीय निवेश संधि के तहत है। भारत ब्रिटेन संधि के तहत दाखिल विवाद में अभी पंचाट जजों की नियुक्ति नहीं हुई है जबकि नीदरलैंड द्विपक्षीय निवेश संधि के तहत दोनों पक्षों ने एक एक जज नियुक्या किया है।

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