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टोक्यो: जापान की सत्तारूढ़ पार्टी ने पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरु इशिबा को नेता चुना है, अगले सप्ताह वे देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। शिगेरु अपने कार्यालय में मॉडल युद्धपोत और लड़ाकू विमान रखने के लिए जाने जाते हैं। पूर्व रक्षा मंत्री को चीन और उत्तर कोरिया द्वारा उत्पन्न खतरों का मुकाबला करने के लिए 'एशियाई नाटो' के निर्माण का प्रस्ताव देने के लिए जाना जाता है।

शिगेरु इशिबा संयुक्त राज्य अमेरिका को लेकर अक्सर बयान देते रहते हैं। फुमियो किशिदा के पारंपरिक दृष्टिकोण की तुलना में शिगेरु इशिबा हमेशा से अलग रहे हैं। शिगेरु इशिबा अक्सर कहते रहे हैं कि जापान को विदेश नीति और रक्षा के क्षेत्र में अधिक स्वायत्त भूमिका निभानी चाहिए।

मीडिया रिपोर्ट में कहा है कि देश के पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरु इशिबा का जापान का प्रधानमत्री बनना तय है। शुक्रवार को जापान की सत्ताधारी पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक (एलडीपी) ने देश का नेतृत्व करने के लिए शिगेरू इशिबा को चुन लिया गया। एलडीपी का संसद के निचले सदन पर पूरी तरह से नियंत्रण है।

जापान की लोकतांत्रिक व्यवस्था में संसद का निचला सदन काफी शक्तिशाली होता है, ऐसे में पार्टी द्वारा चुना गया नेता ही देश का प्रधानमंत्री होगा।

मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले और दूसरे दौर के मतदान में शिगेरु इशिबा ने आर्थिक सुरक्षा मंत्री साने ताकाइची को हराया दिया। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार देश की महिला प्रधानमंत्री हो सकती हैं। टोक्यो यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर यू उचियामा ने मीडिया से कहा था कि इस बार शिगेरू इशिबा और साने ताकाइची अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इसके बावजूद यह कहना मुश्किल है कि इन तीन उम्मीदवारों में से रेस कौन जीतेगा।

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