बीजिंग: अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले के बाद विवादित क्षेत्र में अपने दावे पर जोर देने के प्रयास के क्रम में चीन ने सोमवार को सैन्य अभ्यास के लिए दक्षिण चीन सागर (एससीएस) के एक हिस्से को बंद करने का ऐलान किया। सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की वायुसेना ने एससीएस में बमवर्षक विमानों के साथ लड़ाकू विमानों की गश्त लगाई। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार पीएलए वायुसेना के प्रवक्ता शेन जिंके ने कहा कि पीएलए ने रणनीतिक बमवर्षक विमानों और अन्य विमानों, स्काउट एवं टैंकर को उस क्षेत्र में भेजा था। उन्होंने कहा कि वायुसेना का मकसद समुद्र के उपर लड़ाकू विमानों का अभ्यास, सुरक्षा खतरों से निपटने की क्षमता में सुधार और चीन की संप्रभुता एवं सुरक्षा की रक्षा करना शामिल है। चीन ने कहा कि वह इस सप्ताह सैन्य अभ्यास के लिए दक्षिण चीन सागर के एक हिस्से को बंद करने का ऐलान किया है। हैनान के समुद्री प्रशासन ने कहा कि द्वीप के दक्षिणपूर्व इलाके को सोमवार से गुरुवार तक बंद किया जाएगा। यह घोषणा ऐसे वक्त हुई है जब अमेरिकी नौसेना के शीर्ष एडमिरल दक्षिण चीन सागर (एससीएस) विवाद पर चर्चा और दोनों सेनाओं के बीच संवाद बढ़ाने के लिए चीन के तीन दिन के दौरे पर हैं। नौसैन्य अभियान के प्रमुख एडम जॉन रिचर्डसन ने बीजिंग और बंदरगाह शहर क्वींदाओ की यात्रा की। वह अपने दौरे के दौरान चीन के नौसैन्य कमांडर एडमिरल वू शेंगली के साथ वार्ता कर रहे हैं।
उन्हें नौसैन्य सबमरीन एकेडमी भी जाना है। इसके साथ ही वह चीन के पहले विमान वाहक पोत का दौरा करेंगे और प्रशांत क्षेत्र में सैन्य अभ्यासों पर चर्चा करेंगे। चीन ने पिछले मंगलवार को फिलीपींस द्वारा शुरू किए गए मामले में हेग स्थित स्थायी मध्यस्थता अदालत के फैसले को मानने से इनकार कर दिया और मध्यस्थता में शामिल होने से इनकार कर दिया था।