इस्लामाबाद: शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइज़ेशन (एससीओ) विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी 4-5 मई को भारत जायेंगे। पाकिस्तान के विदेश विभाग की तरफ से गुरुवार को इस बात की जानकारी दी गई है कि बिलावल, गोवा में होने वाले शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शिरकत करेंगे। चार और पांच मई को गोवा की राजधानी पणजी में एससीओ सम्मेलन होना है। इससे पहले साल 2016 में भी भारत ने गोवा में एससीओ सम्मेलन की मेजबानी की थी।
बता दें कि भारत ने पाकिस्तान के बिलावल भुट्टो जरदारी और चीन के किन गैंग समेत शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों को मई में होने वाली उच्च स्तरीय बैठक के लिए आमंत्रित किया है। एससीओ की आखिरी बैठक उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई थी।
साल 2011 में हिना रब्बानी खार के बाद से किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की यह पहली भारत यात्रा होगी। खार वर्तमान में विदेश राज्य मंत्री हैं।
जून 2001 में शंघाई में स्थापित एससीओ के आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें इसके छह संस्थापक सदस्य, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए।
एससीओ की अहम मीटिंग में बिलावल
मार्च में पाकिस्तान की तरफ से बयान दिया गया था कि अभी तक भुट्टो के भारत जाने के मसले पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। भुट्टो एससीओ की मीटिंग में आएंगे या नहीं इस बात को लेकर कई दिनों से अटकलें तेज थीं। साल 2014 के बाद से पहला मौका होगा जब पाकिस्तान का कोई हाई-प्रोफाइल नेता भारत आएगा। उस साल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार केंद्र की सत्ता में आए थे तो तत्कालीन पाक पीएम नवाज शरीफ को भी शपथ ग्रहण के लिए बुलाया गया था।
पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी
दिसंबर 2022 में यूनाइटेड नेशंस (यूएन) के एक कार्यक्रम में बिलावल ने पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी की थी। बिलावल ने सारी हदों को पार करते हुए अल कायदा के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी ओसामा बिन लादेन से पीएम मोदी की तुलना कर डाली थी। उन्होंने कहा था कि कोई भी शब्द या आलोचन भारत में भगवा आतंकवाद के अपराधों को छिपा नहीं सकता है। भुट्टो का यह विवादित बयान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से आतंकवाद को समर्थन देने को लेकर पाकिस्तान पर तीखा हमला करने के बाद आया था।