टोक्यो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जापान के टोक्यो शहर में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने भारत-जापान संबंधों को सुधारने को लेकर प्रतिबद्धता जताई। पीएम ने कहा कि भारत और जापान स्वाभाविक साझेदार हैं। उन्होंने कहा कि जापान ने भारत की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और जापान के साथ भारत के संबंध आध्यात्मिकता, सहयोग और अपनेपन के हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया को हिंसा, अराजकता, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से मानवता को बचाने के लिए बुद्ध के दिखाए रास्ते पर चलने की जरूरत है।
देश की विकास यात्राा का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, 'भारत ने अपने करोड़ों नागरिकों को ‘मेड इन इंडिया' कोविड-19 टीके की आपूर्ति की और इसे 100 से अधिक देशों में भी भेजा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत की आशा बहनों को डायरेक्टर जनरल्स-ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड से सम्मानित किया है।
भारत की लाखों आशा बहनें, मैटेरनल केयर से लेकर वैक्सीनेशन तक, पोषण से लेकर स्वच्छता तक, देश के स्वास्थ्य अभियान को गति दे रही हैं।'
उन्होंने कहा कि हमारी इस कैपेसिटी (क्षमता) के निर्माण में जापान एक अहम भागीदार है। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल हो, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर हो, डेडिकेटेड फ्राइट कॉरिडोर हो, ये भारत-जापान के सहयोग के बहुत बड़े उदाहरण हैं। हमने भारत में एक मजबूत और जिम्मेदार लोकतंत्र की पहचान बनाई है, उसको बीते 8 साल में हमने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव का माध्यम बनाया है। भारत में आज सही मायने में पीपल लेड गवर्नेंस काम कर रही है। गवर्नेंस का यही मॉडल, डिलिवरी को प्रभावी बना रहा है और यही लोकतंत्र पर निरंतर मज़बूत होते विश्वास का सबसे बड़ा कारण है।
पीएम ने कहा, 'आज का भारत अपने अतीत को लेकर जितना गौरवान्वित है, उतना ही तकनीकी आधारित, विज्ञान आधारित और प्रतिभा आधारित भविष्य को लेकर भी आशावान है.जापान से प्रभावित होकर स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि हर भारतीय नौजवान को अपने जीवन में कम से कम एक बार जापान की यात्रा ज़रूर करनी चाहिए। मैं स्वामी जी की इस सद्भावना को आगे बढ़ाते हुए, मैं चाहूंगा कि जापान का हर युवा अपने जीवन में कम से कम एक बार भारत की यात्रा करे।'