बर्लिन: नाटो ने यूक्रेन को तब तक सैन्य सहायता देने की घोषणा की है, जब तक उसे ज़रूरत होगी। रविवार को यह घोषणा की गई। वहीं फिनलैंड और स्वीडन ने भी नाटो में शामिल होने के अपने मंसूबों को साफ कर दिया है। स्वीडन की सत्ताधारी पार्टी ने कहा है कि वह इस संयुक्त सदस्यता प्रार्थनापत्रा का समर्थन करता है। यह बयान ऐसे समय आया है जब फिनलैंड ने रूस की नाराज़गी के डर के बावजूद दशकों की सैन्य गुटनिरपेक्षता को परे रखकर यूरोप में ताकत का संतुलन दोबारा बनाने की कोशिश की है। यूक्रेन में रूस ने पूर्वी भागों और पश्चिम में लवीव में हवाई हमलों की घोषणा की। पश्चिमी खुफिया सूत्रों के मुताबिक रूस की पूर्वी यूक्रेन में मुहिम भारी नुकसान और कड़े प्रतिरोध के सामने अधिक समय तक नहीं टिकेगी।
नाटो विदेश मंत्रियों की बर्लिन में हुई एक बैठक में, जर्मनी की एनालेना बायरबोक ने कहा कि वो "सैन्य सहायता देंगे, जब तक यूक्रेन को देश की आत्म रक्षा के लिए उनकी मदद की ज़रूरत होगी।" नाटो चीफ जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, "यूक्रेन यह युद्ध जीत सकता है। यूक्रेनी अपने देश की बहुत बहादुरी से रक्षा कर रहे हैं।"
स्वीडन की सत्ताधारी पार्टी ने फिनलैंड की घोषणा के कुछ घंटों बाद कहा कि वो नेटो में शामिल होने के हक में है। यह यूक्रेन में रूस के आक्रमण के बाद आए बड़े राजनैतिक और सार्वजनिक विचार में बदलाव है।
सोशल डेमोक्रेटिक प्राइम मिनिस्टर मैगडालेना एंडरसन ने कहा, स्वीडन की सुरक्षा के लिए सबसे अच्छा यह होगा कि हम अभी सदस्यता के लिए एप्लाई कर दें।"
स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि संगठन दोनों को आंतरिक सुरक्षा गारंटी देने चाहता है, जबकि एप्लीकेशन्स पर विचार हो रहा है, यह क्षेत्र में सैनिकों की संख्या बढ़ा कर संभव है।
"निकलेगा साझा उपाय"
बर्लिन में अमेरिकी रक्षामंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि उन्होंने सुना है कि सदस्यता के लिए दावों को लगभग सभी का समर्थन है, तुर्की के कुछ विरोध के बावजूद। तुर्की ने स्वीडन और फिनलैंड पर कुर्द चरमपंथियों को पालने के आरोप लगाए हैं, लेकिन स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि तुर्की उनकी सदस्यता रोक नहीं रहा है और उन्हें विश्वास है कि कुछ साझा उपाय निकाल लिया जाएगा।
रूस की तरफ से यह कहा जा रहा है कि नॉर्डिक देशों को डरने की ज़रूरत नहीं है। रूस ने विरोध में, फिनलैंड की इलेक्ट्रिक सप्लाई रोक दी है। फिनलैंड रूस के साथ 1,300 किलोमीटर का बाॉर्डर साझा करता है।
वहीं रूस के रक्षा मंत्री ने दावा किया है कि उसने डोनेत्सक और पूर्वी यूक्रेन में चार आयुधगृहों पर हमला किया है। एयरस्ट्राइक में दो मिसाइल लॉन्चिंग सिस्टम और रडार नष्ट हो गई हैं, जबकि 15 यूक्रेनी ड्रोन डोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों में मार गिराए हैं।
यूक्रेन और रूस की तरफ से लगातार एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाने के बड़े दावे पब्लिश किए जा रहे हैं। लेकिन इन आंकड़ों पर पूरी तरह भरोसा करना मुश्किल है। यूक्रेन का कहना है कि उसने करीब 20,000 रूसी सैनिकों को मार गिराया है, जबकि रूस की तरफ से 25 मार्च को बताया गया है कि उसकी सेना ने कम से कम 14,000 यूक्रेनी सैनिकों को मार गिराया है।
दोनों आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ा कर बताया गया माना जा रहा है और अभी तक एएफपी या किसी अन्य स्वतंत्र कॉन्फिल्ट मॉनिटर ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
रूस का कहना है कि मार्च के आखिर तक उसके 1,351 सैनिक मारे गए। एक वरिष्ठ नेटो सैन्य अधिकारी ने इसी समय आंकलन किया था कि करीब 7,000 से 15,000 के बीच रूसी सैनिक लड़ाई में उस समय मारे जा चके हैं।