कोपेनहेगन: भारत और नॉर्डिक देशों ने यूक्रेन में युद्ध के व्यापक क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभावों पर चर्चा की और इस मुद्दे पर करीबी संपर्क बनाये रखने पर सहमति जताई। दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा। सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फिनलैंड, आइसलैंड, स्वीडन, नॉर्वे व डेनमार्क के उनके समकक्षों ने भाग लिया। एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्रियों ने यूक्रेन में जारी मानवीय संकट के बारे में अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की।
इसमें कहा गया है, ‘उन्होंने यूक्रेन में नागरिकों के मारे जाने की निंदा की। उन्होंने युद्ध को तत्काल समाप्त करने की आवश्यकता को दोहराया।' बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि समसामयिक वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और देशों की संप्रुभता और क्षेत्रीय अखंडता पर आधारित है। इसमें कहा गया है, ‘नॉर्डिक देशों के प्रधानमंत्रियों ने रूसी बलों द्वारा यूक्रेन पर हमले की कड़ी निंदा की।' बयान में कहा गया है कि भारत और नॉर्डिक देशों ने नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की।
बयान में कहा गया है कि सम्मेलन में वैश्विक चुनौतियों का अधिक प्रभावी ढंग से सामना करने की प्रतिबद्धता जताई गई। इसमें कहा गया है कि नॉर्डिक देशों ने सुरक्षा परिषद के लिए भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपना समर्थन दोहराया।