नई दिल्ली: तीन दिवसीय यूरोप दौरे पर गए पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जर्मनी के बर्लिन में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा- ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे मां भारती की संतानों को आज जर्मनी में आकर मिलने का अवसर मिला है। आप सबसे मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है। आपका प्यार और आशीर्वाद मेरी बहुत बड़ी ताकत है। जब किसी देश का मन बन जाता है तो मचाहे रास्तों पर चलता है और मनचाही मंजिलों को पाकर रहता है। आज का युवा भारत देश का तेज विकास चाहता है। युवा समझते हैं कि तेज विकास के लिए राजनीतिक स्थिरता जरूरी है। भारत अब समय नहीं गंवाएगा। आज वक्त क्या है और इस वक्त का सामर्थ्य क्या है ये बात हिंदुस्तान भली भांति जानता है।
पीएम ने आगे कहा, मैं देश का पहला ऐसा पीएम हूं जो आजाद हिंदुस्तान में पैदा हुआ हूं। भारत जब अपनी आजादी के 100 साल मनाएगा उस समय देश जिस ऊंचाई पर होगा उस लक्ष्य को लेकर आज हिंदुस्तान मजबूती के साथ एक के बाद एक कदम लेकर तेज गति से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, भारत में ना कभी साधनों की कमी रही ना कभी संसाधनों की कमी रही। आजादी के बाद देश ने एक मार्ग तय किया, एक दिशा तय की लेकिन समय के साथ जो बहुत सारे परिवर्तन होने चाहिए थे, जिस तेजी से होने चाहिए थे, जितने व्यापक होने चाहिए थे, हम कहीं ना कहीं पीछे छूट गए। भारत के जन-जन में आत्म विश्वास भरने के लिए सरकार के प्रति भरोसा जरूरी था।
सरकार हटा रही बेवजह दखल
पीएम बोले, जहां जरूरत ना हो वहां सरकार का प्रभाव भी नहीं होना चाहिए। देश तब आगे बढ़ता है जब जनता देश के विकास का नेतृत्व करें। देश तब आगे बढ़ता है जब लोग आगे आकर उसकी दिशा तय करें। आज के भारत में सरकार नहीं, मोदी नहीं बल्कि देश की जनता ड्राइविंग फोर्स पर बैठे हैं। इसलिए हम देश के लोगों के जीवन से सरकार का दवाब भी हटा रहे हैं और सरकार का बेवजह दखल भी हटा रहे हैं। हम देश को ट्रांसफॉर्म कर रहे हैं। मैं हमेशा कहता हूं कि रिफॉर्म के लिए पॉलीटिकल विल चाहिए।
स्कोप,स्किल और स्पीड भारत की ताकत
जनता को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, ये वही देश है जिसे आप छोड़कर यहां आए थे। ब्योरोक्रेसी भी वही है, दफ्तर भी वही है, टेबल-फाइल सब वही है। लेकिन अब नतीजे बहुत बेहतर मिल रहे हैं। 2014 से पहले जब मैं आपसे बात करता था तो उन्हें बड़ी शिकायत होती थी कि जहां देखो लिखा रहता था वर्क इन प्रोग्रेस.. मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा। पहले सड़क बनती है, फिर बिजली वाले खोद देते हैं, फिर पानी वाले खोद देते हैं, फिर टेलिफोन वाले खोद देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकारी दफ्तरों में आपसी संवाद नहीं होता। सबका अपना रिपोर्ट कार्ड है लेकिन परिणाम वर्क इन प्रोग्रेस। अब सब विभाग अपने हिस्से का काम एडवांस में प्लान कर रहे हैं। आज भारत की सबसे बड़ी ताकत स्कोप, स्पीड़ और स्केल है। आज भारत में सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश आ रहा है। आज छोटे छोटे शहरों को नए रूट से जोड़ा जा रहा है।
रियल टाइम डिजिटल पेमेंट में भारत की 40 फीसदी हिस्सेदारी
पीएम ने कहा, भारत में रिकार्ड संख्या में नए मोबाइल टॉवर लग रहे हैं। ऑप्टिकल फायबर से गांवों को जोड़ा जा रहा है। भारत में 5जी पहुंचने वाला है। भारत में जितनी तेजी इंटरनेट कनेक्टिविटी है। भारत में जितना सस्ता डाटा है उतना कोई देश सोच भी नहीं सकता। रीयल टाइम डिजिटल पेमेंट में 40 फीसदी भागीदारी भारत की है। भारत में अब ट्रेवल करते समय जेब में कैश लेकर चलने की मजबूरी खत्म हो चुकी है। दूर सूदूर के गांव तक भी आपके लिए मोबाइल पेमेंट काफी है।
पूर्व पीएम के बयान के जरिए कांग्रेस पर तंज
केंद्र और राज्यों की दस हजार सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं। अब किसी पीएम को कहना नहीं पड़ेगा कि एक रुपया भेजता हूं और 15 पैसा पहुंचता है। कांग्रेस पर तंज कसते हुए पीएम ने कहा- वो कौन सा पंजा था जो 85 पैसा घिस लेता था? बीते सात-आठ साल में भारत ने डीबीटी के द्वारा हमने 22 लाख करोड़ से ज्यादा भेजे। भारत में आज 68 हजार से ज्यादा स्टार्ट अप शुरू हो चुके हैं जो 2014 से पहले 200-400 हुआ करते थे।
इससे पहले जर्मन चांसलर के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा लोकतांत्रिक देशों के तौर पर भारत और जर्मनी कई कामन मूल्यों को साझा करते हैं। इन साझा मूल्यों और साझा हितों के आधार पर पिछले कुछ वर्षों में हमारे द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए मैं चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ का धन्यवाद करता हूं। मुझे खुशी है कि इस वर्ष मेरी पहली विदेश यात्रा जर्मनी से शुरू हो रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी पिछली बैठक 2019 में हुई थी तब से दुनिया में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। कोरोना महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव डाला है। हाल की भू-राजनीतिक घटनाओं ने भी दिखाया कि दुनिया की शांति और स्थिरता कितनी नाजुक स्थिति में है और सभी देश एक-दूसरे से कितना जुड़े हुए हैं। यूक्रेन संकट का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी पिछली बैठक 2019 में हुई थी तब से दुनिया में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। कोरोना महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव डाला है। हाल की भू-राजनीतिक घटनाओं ने भी दिखाया कि दुनिया की शांति और स्थिरता कितनी नाजुक स्थिति में है और सभी देश एक-दूसरे से कितना जुड़े हुए हैं। यूक्रेन संकट का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूक्रेन के संकट की शुरुआत में हमने तुरंत युद्धविराम का आह्वान किया था। हमने इस बात पर जोर दिया था कि विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत ही एक मात्र उपाय है। हमारा मानना है कि इस युद्ध में कोई विजयी पार्टी नहीं होगी सभी को नुकसान होगा इसलिए हम शांति के पक्ष में हैं। आज हम हरित और सतत विकास पर इंडो-जर्मनी साझेदारी की शुरुआत कर रहे हैं। जर्मनी ने 2030 तक 10 बिलियन यूरो की अतिरिक्त विकास सहायता से भारत की हरित विकास योजना का समर्थन करने का निर्णय लिया है।