वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के आक्रमण का सामना कर रहे यूक्रेन की मदद के लिए संसद में 33 अरब डॉलर के बड़े पैकेज का प्रस्ताव रखा है। प्रस्ताव रखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि "इस लड़ाई की कीमत सस्ती नहीं है। लेकिन हम इसे अगर होने देते हैं, तो आक्रामकता का शिकार होना ज्यादा महंगा होगा।" इतना ही नहीं व्हाइट हाउस में गुरुवार को उन्होंने रूस के पूंजीपतियों की संपत्तियों पर कब्जा करने और इन पैसों से यूक्रेन की मदद करने के लिए प्रस्तावित नए कानून का जिक्र किया है और अनुमति मांगी।
वहीं एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि प्रस्तावित 33 अरब डॉलर के पैकेज का बड़ा हिस्सा "20 अरब डॉलर सैन्य और अन्य सुरक्षा सहायता के लिए होगा। जबकि 8.5 अरब डॉलर यूक्रेन सरकार की मदद के लिए और तीन अरब डॉलर की राशि आम नागरिकों की खाद्य और मानवीय सहायता के लिए होगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ये भी साफ किया कि वो केवल यूक्रेन की मदद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि "हम रूस पर हमला नहीं कर रहे हैं। हम यूक्रेन को रूसी आक्रमण से बचाने में मदद कर रहे हैं।" वहीं परमाणु युद्ध की संभावना के बारे में मास्को की ओर से आ रही बयानबाजी को उन्होंने "हताशा" बताया. जो बाइडेन ने कहा कि "किसी को भी परमाणु हथियारों के उपयोग या इस संभावना के बारे में बेकार टिप्पणी नहीं करनी चाहिए कि वे इसका उपयोग करेंगे। ये गैर जिम्मेदाराना है।
गैस आपूर्ति को करेगा पूरा
हाल ही में रूस की गैस कंपनी गज़प्रोम ने नाटो और यूरोपीय संघ के सदस्यों बुल्गारिया और पोलैंड की गैस आपूर्ति बंद कर दिया है। दरअसल यूक्रेन पर आक्रमण करने के चलते यूरोपीय संघ की ओर से रूस पर कई सारे प्रतिबंध लगाए गए थे, जिसके बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कड़ा रुख अपनाते हुए साफ किया था कि अगर कोई रूस से गैस खरीदना चाहता है, तो उसे केवल रूबल में भुगतान करना होगा। रूस की इस शर्त को पूरा न करने को लेकर पोलैंड और बुल्गारिया की गैस आपूर्ति को रोक दिया गया है। वहीं अब इस मुद्दे पर जो बाइडेन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ऊर्जा आपूर्ति को पूरा करने को लेकर काम कर रहा है। बाइडेन ने कहा कि "हम रूस को डराने या ब्लैकमेल नहीं करने देंगे। हम उन्हें अपनी आक्रामकता के परिणामों से बचने के लिए अपने तेल और गैस का उपयोग करने की अनुमति नहीं देंगे।"