बीजिंग: चीन ने मंगलवार को उम्मीद जताई कि भारत द्वारा परमाणु क्षमता से लैस अंतर द्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि पांच का परीक्षण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के नियमों के मुताबिक है और इससे दक्षिण एशिया का सामरिक संतुलन नहीं गडबड़ायेगा और साथ ही कहा कि दोनों देश ‘प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि साझीदार’ हैं। अग्नि पांच के सफल परीक्षण का उद्देश्य चीन को निशाना बनाने की खबरों पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘आपके सवाल पर कि भारत ने अग्नि पांच बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है, हमने संबंधित रिपोर्ट देखी है।’ उन्होंने विस्तृत ब्यौरा दिए बगैर कहा, ‘भारत क्या ऐसा बैलिस्टिक मिसाइल विकसित कर सकता है जो परमाणु हथियार ढोने में सक्षम है, मेरा मानना है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के संबंधित प्रस्तावों में स्पष्ट नियम हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमारा हमेशा मानना है कि दक्षिण चीन सागर में सामरिक संतुलन और स्थिरता बनाए रखना क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए अनुकूल है।’ दक्षिण एशिया में सामरिक संतुलन का तात्पर्य भारत और पाकिस्तान के सैन्य संतुलन से है। पांच हजार किलोमीटर रेंज वाले अंतर द्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) को चीन पर लक्षित सामरिक मिसाइल माना जाता है क्योंकि यह चीन के लगभग हर हिस्से में पहुंच सकता है। Ads by ZINC हुआ ने अग्नि पांच का निशाना चीन को बताते हुए भारत और अन्य जगहों पर की गई मीडिया रिपोर्ट की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘भारत के परीक्षण पर हमने गौर किया कि कुछ मीडिया जिसमें भारतीय मीडिया और जापानी मीडिया भी शामिल है, उन्होंने कयास लगाया कि यह चीन को लक्ष्य बनाकर किया गया है।’
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि भारत की मंशा के बारे में आप भारतीय पक्ष से पूछिए।’ उन्होंने कहा कि भारत और चीन प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि साझीदार हैं।