लाहौर: पाकिस्तान में आज सिनेमाघरों ने भारतीय फिल्मों का प्रदर्शन शुरू कर दिया। उरी हमले तथा सीमा पार से गोलीबारी की घटनाओं के बाद उत्पन्न भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच दो महीना पहले वितरकों एवं सिनेमाघर मालिकों ने भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर अस्थायी रोक लगा दी थी। नवाजुद्दीन सिद्दीकी, अरबाज खान और एमी जैक्सन अभिनीत रोमांटिक कॉमेडी ‘फ्रीकी अली’ फिल्म वितरकों एवं सिनेमाघर मालिकों द्वारा भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर लगी अस्थायी रोक हटाये जाने के बाद दिखायी जा रही पहली फिल्म है। यह फिल्म सितंबर में रिलीज हुई थी। सेंटॉरस मार्केटिंग एंड कॉल सेंटर सुपरवाइजर अनिल अल्ताफ ने कहा कि फिलहाल सिनेमाघर मालिक उन फिल्मों को दिखा रहे हैं जो पहले ही रिलीज हो चुकी है। नयी फिल्मों को दिखाने का निर्णय बुधवार को लिया जाएगा क्योंकि किसी फिल्म को आयात करने की प्रक्रिया में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। उरी आतंकवादी हमले और सीमापार गोलीबारी घटनाओं से उत्पन्न तनाव के बाद पाकिस्तान फिल्म एक्जिबिटर्स एंड डिस्ट्रिब्यूटर्स एसोसिएशन ने भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर अस्थायी रोक की घोषणा की थी। इस एसोसिएशन में ज्यादातर सिनेप्लेक्सों, मल्टीप्लेक्सों और एकल सिनेमाघरों के मालिक शामिल हैं। पाक वितरकों और सिनेमाघर मालिकों ने अपनी इच्छा से यह फैसला किया था। उससे पहले इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन ने भारत में पाकिस्तानी कलाकारों एवं तकनीशियनों के काम करने पर रोक लगाने का एलान किया था। फिल्म वितरक एसोसिएशन के अध्यक्ष जोरैज लाशरी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि अस्थायी रोक हटाने का निर्णय संबंधित पक्षों के साथ चर्चा के बाद लिया गया।
उन्होंने कहा, ‘दो महीना पहले इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन द्वारा भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर पाबंदी पर रोक के प्रतिक्रियास्वरूप हमने भारतीय फिल्मों का दिखाना बंद कर दिया था। हमने भारत को अपनी प्रतिक्रिया दिखायी। अब समय अन्य जमीनी हकीकतों को भी देखने का है।’ उन्होंने कहा कि भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन बंद करने के बाद से पाकिस्तान में सिनेमाघर मालिकों को 15 करोड़ रुपये का घाटा हुआ तथा करीब 100 कर्मचारियों की नौकरियां चली गयी। पाकिस्तानी फिल्म निर्माता सुहैल खान ने कहा कि पाकिस्तानी सिनेमाघरों मे भारतीय फिल्में दिखाये जाने की अनुमति को राष्ट्रभक्ति के संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘आप जानते हैं कि कारोबार कारोबार है..हम इस जमीनी हकीकत की अनदेखी नहीं कर सकते कि हमारी फिल्में अच्छा धंधा नहीं कर रहीं तथा सिनेमाघर खाली रहते हैं।’