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वॉशिंगटन: रूस के कथित साइबर हमलों को लेकर चिंतित निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा को उम्मीद है कि उनके उत्तराधिकारी डोनाल्ड ट्रंप भी यह सुनिश्चित करने के लिए इस मुद्दे को उतनी ही गंभीरता से लेंगे कि अमेरिकी चुनाव प्रक्रिया किसी भी तरह के संभावित विदेशी प्रभाव में न हो। ओबामा ने कल संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति भी यह सुनिश्चित करने के लिए इस मुद्दे को उतनी ही गंभीरता से लेंगे कि हमारी चुनाव प्रक्रिया में किसी भी तरह का संभावित विदेशी प्रभाव न हो। मुझे नहीं लगता कि कोई भी अमेरिकी ऐसा चाहेगा। यह किसी भी तरह के तर्क-वितर्क का मुद्दा नहीं होना चाहिए।’ सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप ने साईबर हैकिंग को लेकर चिंता व्यक्त की है। ओबामा ने संवाददाताओं से कहा कि इस बारे में कोई मतभेद नहीं है कि साइबर हमले के पीछे रूस का हाथ है। ओबामा ने कहा, ‘इसको लेकर कोई बड़ा विवाद नहीं हैं। हमने जो भी कहा है वह तथ्य है, जो समान खुफिया आकलनों पर आधारित है। डीएनसी को हैक करने के पीछे रूस का हाथ है और परिणामस्वरूप हमारे लिए आवश्यक है कि इसके सभी तत्वों की समीक्षा कर सुनिश्चित करें कि हम भविष्य में साइबर हमलों द्वारा ऐसे हस्तक्षेपों पर रोक लगा पाने में सक्षम हों। यह एक दलीय नहीं बल्कि द्विदलीय मुद्दा होना चाहिए।’ उन्होंने उम्मीद जताई है कि जब ट्रंप अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे तो उनके पास अलग जिम्मेदारियां और विचार होंगे। रूसी हैंकिंग की जांच के आदेश दे चुके ओबामा ने कहा कि ओवल ऑफिस में जाना एक बुद्धिमानीपूर्ण प्रक्रिया है। ओबामा ने कहा कि वह नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप को किसी भी सलाह, परामर्श, जानकारी के संबंध में पूरी मदद करेंगे ताकि वह शपथ लेने के बाद अपने निर्णय ले सकें।

उन्होंने कहा, ‘इस बीच, ये वे फैसले हैं जो हमें उन विचार-विमर्श के आधार पर लेने हैं जो मैंने अपनी सेना और प्रतिदिन काम कर रहे लोगों के साथ किया है।’ ओबामा ने कहा कि ट्रंप अभी अभियान से शासन के संक्रमण के दौर में हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अभी वह अपनी पूरी टीम को एक-साथ नहीं ला पाएं हैं। उनके पास अब भी प्रचार प्रवक्ता हैं जो केबल कार्यक्रमों पर आ रहे हैं। सत्ता में आने से पहले और सत्ता में आने के बाद आपका एक अलग रूख और दृष्टिकोण होता है।’ ओबामा ने कहा, ‘अभी वह जो कर रहे हैं उसे सही या गलत ठहराने की जगह, मुझे लगता है कि हमें यह देखना चाहिए कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति और उनकी टीम तमाम मुद्दों पर पूरी तरह सूचित किए जाने के बाद किस तरह काम करेगी।’ उन्होंने कहा कि अगर ट्रंप यह कहते हैं कि वह सर्वदलीय स्वतंत्र प्रक्रिया का स्वागत करते हैं तो यह अमेरिकी अवाम को यह आश्वासन देता है कि ना सिर्फ उनके वोट को उचित महत्व मिला है, चुनाव निष्पक्ष एवं स्वतंत्र हुए हैं, बल्कि यह भी कि उन्होंने ये सबक भी सीखे हैं कि कैसे विदेशों से इंटरनेट प्रोपेगंडा राजनीतिक धमनियों में उंडेला जा सकता है और उन्होंने भविष्य में इससे निबटने के लिए रणनीतियां पा ली हैं। यह लोगों को एकताबद्ध करेगा।

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