इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने कहा है कि वह सिंधु नदी जल समझौते (आईडब्ल्यूटी) में किसी भी प्रकार के बदलाव को स्वीकार नहीं करेगा। गौरतलब है कि भारत 56 साल पुराने समझौते के क्रियान्यवन के साथ ही द्विपक्षीय मतभेद निवारण पर जोर दे रहा है। प्रधानमंत्री के विशेष सहायक तारिक फातमी ने डॉन न्यूज से कहा, सिंधु नदी जल समझौते के नियमों में किसी भी बदलाव को पाकिस्तान स्वीकार नहीं करेगा। हमारा रूख समझौते के सिद्धांतों पर आधारित है। इस समझौते का ईमानदारी से सम्मान किया जाना चाहिए। सिंधु नदी जल समझौते के क्रियान्वयन में पाकिस्तान के साथ मतभेदों को मिलकर दूर करने पर भारत के जोर देने के बाद उनकी यह टिप्पणी आई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बृहस्पतिवार को कहा था कि इच्छाशक्ति हो तो ऐसी कोई वजह नहीं है कि किशनगंगा जैसी परियोजनाओं की तकनीकी डिजाइन के मापदंडों पर पाकिस्तान की आपत्तियों का दोनों पक्षों के विशेषज्ञ समाधान ना निकाला जा सके। स्वरूप के मुताबिक भारत का मानना है कि इस तरह के विचार-विमर्श को पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। डॉन की खबर के मुताबिक भारत द्वारा और समय दिए जाने के अनुरोध से पाकिस्तान के कान खड़े हो गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया, इस्लामाबाद का कहना है कि भारत इस रणनीति को पहले भी अपना चुका है।
विवाद के दौरान परियोजना को पूरा कर लो और फिर यह दबाव बनाओ की चूंकि परियोजना पहले ही पूरी हो चुकी है इसलिए इसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता।