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इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के इस बयान को ‘बेतुका’ एवं ‘गैर जिम्मेदाराना’ करार दिया कि यदि वह आतंकवाद पर काबू पाने में विफल रहा तो वह दस टुकड़ों में बंट जाएगा। पाकिस्तान ने कहा कि यह बयान कूटनीतिक नियमों का ‘पूर्ण उल्लंघन’ है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने अपनी साप्ताहिक ब्रीफ्रिंग में कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस बयान का संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान भारतीय गृह मंत्री के बेतुका बयान की कड़ी निंदा करता है जो सभी कूटनीतिक नियमों, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और देशों को संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता की गारंटी प्रदान करने वाले अन्य अंतरराष्ट्रीय व्यवस्थाओं का पूरा उल्लंघन भी है।’ उन्होंने कहा, ‘ये टिप्पणियां पाकिस्तान के इस पुराने रूख की पुष्टि करती हैं कि भारत सरकार एवं उसकी खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान में तनाव एवं अस्थिरता फैलाने के लिए विध्वसंक एवं आतंकवादी गतिविधियों एवं वहां आतंकवाद के वित्तपोषण में लगी हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवश्य ही ऐसे गैर जिम्मेदाराना बयानों एवं पाकिस्तान में भारत प्रायोजित आतंकवाद का संज्ञान लेना चाहिए।’ जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में रविवार को शहीद दिवस कार्यक्रम में सिंह ने कहा था, ‘पाकिस्तान भारत के धार्मिक आधार पर विभाजित होने के बाद ही अस्तित्व में आया लेकिन वह अपने आप को एकजुट नहीं रख पाया। 1971 में वह दो हिस्सों में बंट गया और यदि उसने अपना तौर-तरीका नहीं बदला तो वह 10 टुकड़ों में बंट जाएगा और भारत की उसमें कोई भूमिका नहीं होगी।’ जकारिया ने कश्मीर की अशांति का जिक्र करते हुए दावा किया है कि कश्मीर में भारत द्वारा नरसंहार एवं मानवता के विरूद्ध अपराध अनवरत जारी है।

उन्होंने कहा कि संघषरिाम का कड़ाई से पालन से जुडी घटनाओं के निरीक्षण के लिए और उनकी सूचना संयुक्त राष्ट्र महासचिव को देने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूएनएमओजीआईपी गठित किया गया था। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान यूएनएमओजीआईपी को उसकी जिम्मेदारियां निभाने में नियमित रूप से सहयोग करता है। संघषर्विराम उल्लंघन के कई मौके पर पाकिस्तान उसे प्रभावित क्षेत्र में ले गया लेकिन भारत अपनी तरफ इसकी इजाजत नहीं देता।’ एक सवाल के जवाब में जकारिया ने कहा कि पाकिस्तान दोनों देशों के बीच के कश्मीर विवाद में मध्स्थता के सहयोग के अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के सदस्यों और संयुक्त राष्ट्र महासचिव की सभी पेशकशों का स्वागत करता है। उन्होंने कहा, ‘हम सभी पेशकशों का स्वागत करते हैं क्योंकि पाकिस्तान मानता है कि बातचीत के रास्ते ही और शांतिपूर्ण तीरके से लंबित मुद्दे सुलझाये जा सकते हैं। अतएव हम उसके लिए अनुकूल माहौल बनाते रहे और भारत से जवाब की उम्मीद करते रहे।’ उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दा पहले से ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में है और कश्मीर पर परिषद के प्रस्ताव अब भी लंबित एवं अक्रियान्वित हैं।

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