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सोल: दक्षिण कोरिया के सांसदों ने आज (शुक्रवार) राष्ट्रपति पार्क ग्वेन हे के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को पारित कर दिया जिसके साथ ही देश की पहली महिला नेता के प्रशासन के पटाक्षेप की संभावना प्रबल हो गई। कदाचार के मामले को लेकर पार्क के खिलाफ लाखों लोग सड़क पर उतरे थे। संसद में मतदान के बाद संसदीय अधिकारियों ने राष्ट्रपति भवन ‘ब्लू हाउस’ को औपचारिक दस्तावेज सौंप दिये जिनमें कहा गया है कि पार्क को सत्ता से मुक्त किया जाए और सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले प्रधानमंत्री वांग क्यो-आन को तब तक नेतृत्व सौंपा जाये जब तक देश की संवैधानिक अदालत इस बारे में फैसला न कर दे कि पार्क को स्थायी तौर पर पद से हटना होगा अथवा नहीं। अदालत को इस बारे में फैसला करने में छह महीने का समय लगेगा। मतदान के बाद पार्क ने कैबिनेट की बैठक में कहा, ‘मैं यह कहना चाहती हूं कि मैं लोगों से माफी चाहती हूं कि देश को उस वक्त मेरी लापरवाही और सदाचार की कमी की वजह से संकट का सामना करना पड़ा जब हमारी सुरक्षा और अर्थव्यवस्था मुश्किलों का सामना कर रही है।’ चुनावों में अपनी पार्टी को जीत दिलाने की दक्षता की वजह से कभी ‘चुनाव की महारानी’ कही गई पार्क को हाल के हफ्तों में भारी विरोध का सामना करना पड़ा है। उनके खिलाफ लाखों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे हैं।

विरोध प्रदर्शनों के आयोजकों का कहना है कि सांसदों से महाभियोग प्रस्ताव को पारित करने की मांग करने के लिए नेशनल असेंबली के सामने करीब 10,000 लोग एकत्र हुए थे। जब महाभियोग प्रस्ताव को पारित किया गया तो बाहर एकत्र लोगों ने हाथों को उपर उठाकर जश्न मनाया। अगर संवैधानिक अदालत के नौ सदस्यों में से कम से कम छह न्यायाधीश महाभियोग का समर्थन कर देते हैं तो पार्क को औपचारिक रूप से पद से हटना पड़ेगा और देश में 60 दिनों के भीतर फिर से राष्ट्रपति चुनाव होगा। नेशनल असेंबली के स्पीकर चुंग साई क्यून ने कहा कि 300 सदस्यीय सदन में महाभियोग से जुड़े विधेयक के पक्ष में 234 और विपक्ष में 56 वोट पड़े। सात मतों को अवैध करार दिया गया और दो सदस्य अनुपस्थित रहे। व्यापक स्तर पर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद महाभियोग के लिए दबाव बना। इन प्रदर्शनों में लाखों लोगों ने सोल और अन्य शहरों की सड़कों पर उतरकर पार्क को हटाए जाने की मांग की। राष्ट्रपति के घिरने और उनके प्रशासन को पंगु बनाने की वजह बनने वाले इस स्कैंडल में पार्क की पुरानी विश्वस्त चोई सून-सिल के साथ उनकी दोस्ती पर ध्यान केंद्रित किया गया है। चोई पर सरकारी कामकाज में हस्तक्षेप करने और दर्जनों पूंजीपतियों को अपनी दो संस्थाओं के लिए 7 करोड़ डॉलर दान में देने के लिए मनाने के लिए ब्लू हाउस में अपने संपर्कों का इस्तेमाल करने का आरोप है। यह पहली बार है, जब दक्षिण कोरिया के किसी मौजूदा राष्ट्रपति को जांचकर्ताओं ने एक ‘संदिग्ध’ के रूप में नामित किया है। वर्ष 1987 में दक्षिण कोरिया में हुए पहले निष्पक्ष चुनाव के बाद से हर राष्ट्रपति पर पद छोड़ने से पहले भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं और एक राष्ट्रपति- रो मो ह्यून- ने तो भ्रष्टाचार जांच में उनके परिवार को भी शामिल किए जाने पर आत्महत्या कर ली थी। पार्क वर्ष 1961 से 1979 तक देश का नेतृत्व कर चुके सैन्य अधिकारी पार्क चुंग-ही की बेटी हैं। ऐसे में उनसे उम्मीद की जा रही थी कि वे कुछ अलग साबित होंगी।

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