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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष का जबरदस्त हंगामा देखने को मिल रहा है। यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडे का स्वागत किया, जिन्हें सदन में नेता प्रतिपक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। इससे पहले योगी आदित्‍यनाथ ने विपक्ष से सदन में सहयोग देने की अपील की, लेकिन उनकी इस अपील का कुछ असर सदन में दिखाई नहीं दिया।

'यूपी इस समय बहुत गंभीर मुद्दों का सामना कर रहा है': नेता प्रतिपक्ष

उत्तर प्रदेश के विपक्ष के नेता और सपा विधायक माता प्रसाद पांडे कहा कि राज्य इस समय बहुत गंभीर मुद्दों का सामना कर रहा है, बाढ़, कानून व्यवस्था की समस्या और भ्रष्टाचार भी। स्पीकर सतीश महाना ने उनसे कहा कि "हम इन सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे। आप विपक्ष के नेता हैं, आपको नोटिस देने का अधिकार है, हम इन सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे। सरकार जवाब देने के लिए तैयार है।

सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने कहा, " सदन का मंच उस चर्चा का मंच बने, जहां मुद्दों को उचित तरीके से उठाया जाए। सरकार विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए सदन में उपस्थित रहेगी।

लखनऊ: लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव कन्नौज सीट से सांसद चुने गए। उसके बाद उन्होंने करहल की अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया था। इसी के साथ सदन में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली हो गया था। लंबे समय से इस बात की अटकलें चल रहीं थीं कि अपनी विरासत वह सदन में किसे सौंपने जा रहे हैं।

राजनीतिक हलकों में कभी चाचा शिवपाल का नाम सामने आता तो किसी दूसरे ओबीसी नेता का। रविवार को अखिलेश ने लगभग चौंकाते हुए माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष के लिए चुना।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और सात बार के विधायक माता प्रसाद पांडेय को विधानसभा में नेता विरोधी दल बनाया गया है। इसके अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधायक कमाल अख्तर को सपा विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक और राकेश कुमार को उप सचेतक बनाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजा है। महबूब अली को अधिष्ठाता मंडल में शामिल किए जाने की संस्तुति भी की है। रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक के घंटे भर पहले सपा ने माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाने का निर्णय लिया।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों द्वारा कांवड़ मार्ग पर स्थित दुकानदारों को नामपट्टिका (नेमप्लेट) लगाने के आदेश पर अंतरिम रोक जारी रखी है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के हलफनामे के बाद भी आदेश पर रोक बरकरार रखी है। कोर्ट ने उतराखंड और मध्य प्रदेश सरकार को एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया है। यूपी सरकार ने हलफनामा दाखिल कर दिया। अब अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी।

यूपी सरकार ने भेदभाव की बात स्वीकार की है: याचिकाकर्ता के वकील

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मुझे यूपी का जवाब आज सुबह मिला है। यूपी की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि यूपी ने अपना जवाब दाखिल कर दिया। उत्तराखंड ने कहा कि जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय चाहिए। मध्य प्रदेश ने कहा कि उनके प्रदेश मे ऐसा नहीं हुआ सिर्फ उज्जैन म्युनिसिपल ने जारी किया था, लेकिन कोई दबाव नहीं डाला गया है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जवाब में यूपी सरकार ने स्वीकार किया है कि कम समय के लिए ही सही हमने भेदभाव किया है।

नई दिल्ली: कांवड यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के नेम प्लेट लगाने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। यूपी सरकार ने अपने जवाब मे कहा है कि राज्य द्वारा जारी निर्देश दुकानों और भोजनालयों के नामों से होने वाले भ्रम के बारे में कांवड़ियों की ओर से मिली शिकायतों के बाद किए गए थे। ऐसी शिकायतें मिलने पर पुलिस अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों की चिंताओं को दूर करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की। बता दें कि इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है।

व्यापार पर कोई प्रतिबंध नहीं: सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार का जवाब

यूपी सरकार ने कहा है कि राज्य ने खाद्य विक्रेताओं के व्यापार या व्यवसाय पर कोई प्रतिबंध या निषेध नहीं लगाया है (मांसाहारी भोजन बेचने पर प्रतिबंध को छोड़कर), और वे अपना व्यवसाय सामान्य रूप से करने के लिए स्वतंत्र हैं। ⁠मालिकों के नाम और पहचान प्रदर्शित करने की आवश्यकता पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कांवड़ियों के बीच किसी भी संभावित भ्रम से बचने के लिए एक अतिरिक्त उपाय मात्र है। 

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