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लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्थित बहराइच में दुर्गा जी की प्रतिमा के विसर्जन के दौरान हुई हिंसा में अभी तक एक की मौत हो चुकी है, वहीं कई लोग घायल हैं। एसपी वृंदा शुक्ला ने कहा है कि मुख्य आरोपी की तलाश जारी है। बता दें यह घटना रविवार की है। कथित तौर पर डीजे बजाने को लेकर शुरू हुए विवाद ने सांप्रदायिक तनाव का रूप ले लिया। इस घटना में एक शख्स की मौत भी हो गई। पीड़ित के परिजनों ने प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की है।

मुख्यमंत्री ने शाम तक मांगी रिपोर्ट

वहीं बहराइच मामले पर सीएम योगी ने खुद कमान संभाल ली है। मुख्यमंत्री ने बहराइच पर रिपोर्ट मांगी है। बहराइच पर शाम तक रिपोर्ट सीएम के पास आएगी। अगर वह इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुए तो डीजीपी और सीएस मौके पर जाएंगे। जानकारी के अनुसार सीएम ने जिलाधिकारी से बात की है।

बहराइच मामले पर गृह सचिव संजीव गुप्ता, एडीजी (लॉ एंड आर्डर) अमिताभ यश मौक़े पर पहुँचे गये हैं। प्रमुख सचिव सीएम संजय प्रसाद ने जानकारी दी है कि तीस उपद्रवी हिरासत में लिये गये।

लखनऊ (जनादेश ब्यूरो): उत्तर प्रदेश में बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान दो समुदायों में विवाद हो गया। डीजे बजाने को लेकर दो पक्षों में हुए विवाद के बाद एक पक्ष ने गोली चलाई, जानकारी के अनुसार प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो पक्षों में गालीगलौज हुई थी। इस विवाद में एक युवक की मौत हो गई। और फिर युवक की मौत के बाद ग्रामीणों ने किया जमकर हंगामा किया है। यह पूरा मामला हरदी थाना क्षेत्र के महसी महराजगंज का है और इस विवाद के बाद मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।

उत्तर प्रदेश (यूपी) के बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान बवाल हो गया। जुलूस के दौरान कुछ लोगों ने आपत्तिजनक नारेबाजी की, जिसके बाद दो पक्ष आमने-सामने आ गए। इस दौरान जमकर नारेबाजी हुई और पत्‍थरबाजी की गई, जिसने तनाव को और बढ़ा दिया। इस दौरान फायरिंग में एक युवक की मौत भी हो गई। इस दौरान भगदड़ में कई लोग घायल भी हो गए। घटना के बाद हिंदूवादी संगठनों ने जिले में जगह-जगह प्रतिमा विसर्जन रोककर प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

लखनऊ: हरियाणा के चुनाव में शर्मनाक हार के बाद बीएसपी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने फ़ैसला किया है कि वो कभी भी क्षेत्रीय दलों से कोई गठबंधन नहीं करेंगी। उनका कहना है कि उनके वोट तो ट्रांसफ़र हो जाते हैं, लेकिन सहयोगी पार्टी का वोट उन्हें नहीं मिलता। पता नहीं मायावती अब अपनी इस तीसरी कसम पर कब तक टिकी रहती हैं। सुश्री मायावती ने इससे पहले जो दो कसमें खायी हैं, वह दोनों की कसमें अब तोड़ चुकी हैं।

आज से करीब सोलह साल पहले बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने एक कसम खायी थी। तब वो उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं। बीएसपी की एक बड़ी रैली के दौरान मंच से उन्होंने एक बड़ा एलान किया था। 'बहनजी' ने कहा था कि उनका उत्तराधिकारी उनके परिवार का नहीं होगा। बीएसपी के समर्थक मायावती को सम्मान से 'बहनजी' कहते हैं। तब मायावती ने कहा था कि जो भी उनके बाद पार्टी संभालेगा वो उम्र में उनसे पंद्रह-बीस साल छोटा होगा। बीएसपी चीफ मायावती ने तब ये भी बताया था कि उनका राजनैतिक वारिस उनकी ही जाति का होगा।

लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा और उसकी सरकार समाजवादियों को जेपी को याद नहीं करने दे रही है। इसलिए बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा गठबंधन सरकार से बाहर आएं, क्योंकि नीतीश कुमार जेपी आंदोलन से ही निकले हैं। उन्होंने फिर दोहराया कि सरकार जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपी सेंटर) को अपने लोगों को बेचने की साजिश कर रही है।

लोकनायक की जयंती पर लगातार दूसरे साल घमासान

अखिलेश शुक्रवार को अपने आवास के बाहर जेपी को श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया के बीच अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा कि हर साल ही समाजवादी जेपी सेंटर में श्रद्धांजलि देने जाते थे, पता नहीं क्या कारण है कि सरकार अब हमें रोक रही है। इसलिए हम सड़क पर खड़े होकर जेपी को याद करने के लिए मजबूर हैं। यह सरकार हर अच्छा काम रोक रही है।

अखिलेश ने कहा कि हम हर साल जेपी की जंयती मनाएंगे। यह पुलिस कब तक खड़ी रहेगी। जैसे ही पुलिस हटेगी, हम लोग फिर वहीं जाकर सम्मान करने का काम करेंगे।

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