लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को अपने अमीर दोस्तों को सौंपने की तैयारी में है। समझ नहीं आता की भाजपा सरकार है या सेल्समैन...। लीज पर देकर लोन लेने के घोटाले से सरकार जिन लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशश कर रही है, वे मनमाना टोल वसूल कर जनता का शोषण ही करेंगे।
अखिलेश ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि वैसे भी भाजपा सरकार जबसे बनी है उसने गरीबों, दलितों, पिछड़ों के हितों की अनदेखी ही की है और कारपोरेट घरानों की मदद में कुछ उठा नहीं रखा है। सरकार बनने पर इस महाघोटाले की जांच कराई जाएगी। जनता सच्चाई से भली-भांति अवगत है और वह 2022 के चुनावों में वादाखिलाफ भाजपा को सबक सिखाने में चूकेगी नहीं। समाजवादी सरकार के विकासकार्यों के प्रति भाजपा दुराग्रहपूर्ण रवैया अपना रही है। जनता के साथ धोखा करने और पूंजीघरानों को अवैध तरीके से मालामाल बनाने की साजिशों का भण्डाफोड़ अवश्य होगा।
उन्होंने कहा, भाजपा सरकार आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को अपने अमीर दोस्तों को सौंपने की तैयारी में है। लीज पर देकर लोन लेने के घोटाले से सरकार जिन लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशश कर रही है, वे मनमाना टोल वसूल कर जनता का शोशण ही करेंगे। वैसे भी भाजपा सरकार जबसे बनी है उसने गरीबों, दलितों, पिछड़ों के हितों की अनदेखी ही की है और कारपोरेट घरानों की मदद में कुछ उठा नहीं रखा है।
उन्होंने कहा, समाजवादी सरकार ने अपने कार्यकाल में फोरलेन सड़कों से मुख्यालय को जोड़ने के साथ ही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे जैसी शानदार सड़क भी बनाई थी जिस पर वायुसेना के युद्धक विमान और भारवाहक जहाज हरक्यूलिस भी उतरा था। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की प्रारम्भिक तैयारियां हो चुकी थी और उसका शिलान्यास भी समाजवादी सरकार में हो चुका था। कई अन्य हाई-वे भी बनने थे। केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने पुरानी सड़कों को ही नया नाम देकर जनता की आंख में धूल झोंकने का काम किया है। उन्होंने कहा, समाजवादी पार्टी सरकार में आने पर भाजपा द्वारा किए जाने वाले महाघोटाले की जांच करेगी और दोषियों को दण्डित करेगी।
किसानों पर लाठियां चलवाना घोर निंदनीय
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार की कृषि विरोधी नीतियों के चलते देश का कृषक समुदाय आंदोलित और आक्रोशित है। अन्नदाता किसानों की मांगों पर सकारात्मक रूख अपनाने के बजाय उन पर आंसू गैस के गोले दागना, ठण्डे पानी की बौछार करना और लाठियां चलाना घोर निंदनीय है। यह सरकार द्वारा हिंसक मनोवृत्ति के साधनों का प्रयोग करना है, जिसे अमानवीय ही कहा जा सकता है।
समाजवादी पार्टी ने प्रारम्भ से ही कृषि संबंधी तीनों कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए उनको तत्काल वापस लिए जाने की मांग की थी। नतीजे अच्छे नहीं होंगे। शांतिपूर्ण अहिंसात्मक प्रदर्शन करना लोकतंत्र में लोगों का संवैधानिक अधिकार है लेकिन भाजपा सरकार तो किसानों की बात सुनने के बजाय अपनी हठधर्मी पर जमी है। किसानों का यह उत्पीड़न भाजपा को भारी पड़ेगा।