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लखनऊ: आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष व शिया धर्मगुरु डॉ कल्बे सादिक़ का मंगलवार की देर रात में निधन हो गया। हरदोई रोड स्थित एरा मेडिकल कॉलेज में रात करीब दस बजे अंतिम सांस ली। वे काफी समय से बीमार चल रहे थे। बीते 17 नवंबर को सांस लेने में दिक्कत और निमोनिया के चलते इरा मेडिकल में भर्ती हुए थे। उनके बेटे सिब्तैन नूरी ने मौलाना कल्बे सादिक के इंतकाल की सूचना दी। कल्बे सादिक अपनी उदारवादी छवि के लिये जाने जाते थे। 81 वर्षीय डॉक्टर कल्बे सादिक़ एशिया के बड़े इस्लामिक स्कॉलर थे। उनके निधन की खबर सुनते ही लखनऊ शहर के साथ कई देशों में शोक की लहर दौड़ गई।

इंसानियत, इल्म, इत्तेहाद की मिसाल थे डॉ सादिक

इंसानियत, इल्म, इत्तेहाद और मोहब्बत के इस फरिश्ते को हिन्दू-मुसलमान, सिक्ख, ईसाई समाज से लेकर मुसलमानों का  हर वर्ग के लोग डॉ कल्बे सादिक का सम्मान करते थे।

हिन्दू-मुस्लिम एकता और मुसलमानों के तमाम मसलकों में इत्तेहाद क़ायम करने के प्रयास करने वाले डा सादिक़ ने हमेशा अशिक्षित समाज में शिक्षा की अलख जगाने पर बल दिया। सर सैय्यद अहमद ख़ान की तरह डा. सादिक़ ने मुस्लिम समाज के उत्थान के लिए इल्म की रौशनी फैलाने पर काम करते रहे और इस मिशन को ना सिर्फ तक़रीरों और तहरीरों के जरिए बल्कि अमली तौर पर आगे बढ़ाया। पर्सनल लॉ बोर्ड के अहम निर्णयों में गंगा जमुनी तहजीब को जिंदा बनाए रखा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने धर्म गुरु मौलाना कल्बे सादिक के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तथा प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए  ईश्वर से  प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

 

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