प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के दो सालों को राहत देते हुए गैंगस्टर एक्ट के मामले में पुलिस रिपोर्ट पेश होने तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने दोनों को विवेचना में सहयोग करने और पुलिस को विवेचना शीघ्र पूरी करने का भी निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र एवं न्यायमूर्ति एसके पचौरी की खंडपीठ ने मुख्तार अंसारी के सालों अनवर शहजाद व सरजील रजा की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी व एडवोकेट अजय कुमार श्रीवास्तव को सुनकर दिया है। अनवर शहजाद व सरजील रजा पर गिरोह बनाकर जमीन हथियाने और बेनामी खरीद से संपत्ति बनाने के आरोप मे दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। याचिका में गाजीपुर कोतवाली में दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की गई थी। कहा गया था कि शुरू में पुलिस ने संजय सिंह के खिलाफ चार्जशीट तैयार की और विवेचना के दौरान पूरक चार्जशीट में याचियों को भी शामिल कर लिया। कहा गया कि उन्हें झूठा फंसाया गया है।
अनवर शहजाद व सरजील रजा के साथ अफसा अंसारी सहित तीन लोगों का गिरोह बताया गया है और संजय सिंह को गैंग से बाहर कर दिया गया है। जिसके आधार पर दोनों की जमानत हो चुकी है। यह भी कहा गया कि एफआईआर में बेनामी संपत्ति का खुलासा नहीं किया गया है। दोनों को मुख्तार अंसारी के साले होने के नाते फंसाया गया है। सुनवाई के बाद कोर्ट प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार करते हुए विवेचना शीघ्र पूरी करने का निर्देश दिया है।