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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कोराना संक्रमण की दूसरी लहर फैलने से रोकने के लिए मास्क और सोशल डिस्टेसिंग का कड़ाई  से पालन अनिवार्य है। इसके लिए पुलिस हर सड़क और गली मोहल्ले में कड़ी निगरानी करे कि कोई भी व्यक्ति बिना मास्क लगाए घर से बाहर न निकले। कोर्ट ने इसकी निगरानी करने वाली टास्क फोर्स को ऐसे अधिकार देने के लिए कहा है ताकि वह अपना काम आसानी से कर सके। इस आदेश को प्रयागराज के अलावा कानपुर, वाराणसी, लखनऊ और आगरा में अमल लाने का निर्देश दिया है। अगले चरण अदालत प्रदेश के अन्य जिलों के लिए भी आदेश पारित करेगी। 

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कोर्ट ने डीजीपी से कार्ययोजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। जिसके पालन में डीजीपी ने रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी हलफनामा दाखिल कर दी। कोर्ट डीजीपी के हलफनामे पर संतोष जताते हुए कहा कि संक्रमण की दूसरी लहर रोकने के लिए जरूरी है कि हर सड़क और मोहल्ले की छोटी-छोटी गलियों तक निगरानी रखी जाए।

व्यस्त सड़कों पर अधिक संख्या में पुलिसकर्मी जबकि कम यातायात वाली सड़कों के दोनों छोर पर दो कांस्टेबल तैनात किए जाएं।

निगरानी करने वाले पुलिसकर्मियों को यह अधिकार दिया जाए कि पुलिस से उलझने वालों के खिलाफ वह कार्रवाई कर सके।  कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रत्येक नगर निगम में स्वास्थ्य अधिकारी की नियुक्ति करने का निर्देश दिया है और कहा है कि संक्रमण रोकने के लिए फागिंग व सैनिटाइजेशन जारी रखा जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कोविड एवं पार्किंग मामले की सुनवाई करते हुए दिया है।

पटरी दुकानदारों को दें वैकल्पिक स्थान

कोर्ट ने कहा कि प्रयागराज में 57136 स्थानों से हॉकरों, वेंडरों के अवैध कब्जे हटाए गए हैं। शहर में 28 वेंडिंग जोन का निर्धारण किया गया है। इस पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूरे राज्य में 9 लाख 39 हजार 759 स्थलों से हटाए गए हॉकरों को एक माह में उचित स्थान उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

कोर्ट को बताया गया कि सीएमओ आवास व राजस्व परिषद के पास सड़क के किनारे निर्माण हो रहा है। इस पर कोर्ट ने नगर निगम व प्रयागराज विकास प्राधिकरण से पूछा है कि क्या निर्माण मास्टर प्लान के तहत हो रहा है या नहीं। वकीलों की रिपोर्ट में बताया गया कि कई स्थानों पर अतिक्रमण हटाने के बाद दुबारा अतिक्रमण कर लिया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा है कि दुबारा अतिक्रमण न होने पाए और हटाए गए लोगों को वैकल्पिक स्थान दिया जाए। । 

सिविल लाइंस प्रयागराज में पार्किंग मामले में कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर चंदन शर्मा व शुभम द्विवेदी से रिपोर्ट मांगी है। नवाब यूसुफ रोड को लेकर उनकी रिपोर्ट पर कोर्ट ने नगर निगम को स्ट्रीट लाइटें ठीक करने के लिए कहा है। यात्रिक होटल व राजकरन पैलेस के पीछे बनी पार्किंग में सुविधाओं की कमी की ओर ध्यान दिलाने पर कोर्ट ने पार्किंग में सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएं टॉयलेट आदि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

कैट क्षेत्र में आवागमन बंद करने का आदेश तलब

कैंटोंनमेंट एरिया की सड़कें आम लोगों के लिए बंद करने के मुद्दे पर रामानुज तिवारी ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने पक्ष रखा। उन्होंने केंद्र सरकार के आदेश का हवाला देकर कहा कि कैंट क्षेत्रों की सड़कों को आम लोगों के आवागमन हेतु बंद नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने भारत सरकार के अधिवक्ता से रक्षा मंत्रालय के इस संबंध में जारी आदेशों को दाखिल करने का भी निर्देश दिया है। यह भी कहा है कि यदि अगली सुनवाई पर सड़क बंद करने का लिखित आदेश नहीं दे पाते हैं तो जिम्मेदारी अधिकारी रिकार्ड के साथ अदालत में उपस्थित रहें। याचिका की सुनवाई नौ नवंबर  को होगी।

 

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