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लखनऊ (जनादेश ब्यूरो): सहारनपुर के एसएसपी निवास पर भाजपा सांसद राघव लखनपाल के नेतृत्व में हुए हमले पर आईएएस एसोसिएशन ने सख्त नाराज़गी दर्ज की है। सूत्रों के मुताबिक एसोसिएशन ने सांसद के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। वहीँ प्रदेश के नव नियुक्त डीजीपी सुलखान सिंह ने एसोसिएशन को विश्वास दिलाया है कि किसी भी दोषी व्यक्ति को बक्शा नहीं जायेगा। बहरहाल प्रदेश के सहारनपुर जिले में गुरुवार को एक शोभायात्रा निकालने को लेकर दो पक्षों में हुई झड़प के बाद 100 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इस मामले में भाजपा सांसद राघव लखनपाल का नाम भी सामने आया है। अंबेडकर जयंती समारोह के उपलक्ष्य में यह शोभायात्रा आयोजित की गई थी और यह बिना प्रशासन की अनुमति के बलपूर्वक निकाली गई। इस इलाके में हिंसा फैलने की आशंका के चलते ऐसी शोभायात्राओं पर सालों से पाबंदी है। जबरन शोभायात्रा निकाले जाने पर पुलिस ने कार्रवाई की और यात्रा छोटी कर दी। शोभायात्रा की दूरी छोटी किए जाने से नाराज भीड़ जिले के एसएसपी लव कुमार के आवास पर पहुंच गई। वहां सीसीटीवी कैमरा और कुछ कुर्सियों को तोड़ दिया गया। एसएसपी की नेम प्लेट भी उखाड़ दी गई। सहारनपुर सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाका है। सांसद लखनपाल ने एक संक्षिप्त भाषण भी दिया।

उन्होंने कहा कि अगर उनके (पुलिस) पास दिमाग होता, तो उन्होंने उन घरों पर छापे मारे होते (जहां से कथित तौर पर पत्थर फेंके गए)...और हमारी शोभायात्रा पूरी होने देते. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने वादा करते हुए कहा कि कप्तान (जैसा कि यूपी में जिला पुलिस प्रमुख को बुलाया जाता है) को हटाकर मानेंगे। 40-वर्षीय सांसद लखनपाल ने कहा, चूंकि कप्तान नालायक है। अब यह कप्तान यहां से हटाया जाएगा। यहां नया कप्तान आएगा और वह प्लानिंग के हिसाब से हमारी शोभायात्रा को निकलने देगा। अगली शोभायात्रा में 5,000 लोग शामिल हो सकते हैं। इस घटना को लेकर लखनपाल को दो मामलों में नामित किया गया है। गुरुवार को यह शोभायात्रा अपने गंतव्य स्थल से सिर्फ 100 मीटर दूर थी, तभी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इसे रोक दिया। सांसद इसे भी अपनी बड़ी उपलब्धि मानते हैं, क्योंकि यहां पिछले 7 सालों में शोभायात्रा नहीं निकाला जा सकी थी। मैनेजमेंट स्नातक और देहरादून के दून स्कूल से पढ़ाई कर चुके भाजपा नेता राघव लखनपाल ने साल 2014 के आम चुनावों में कांग्रेस के इमरान मसूद को हराया था। तीन बार विधायक रह चुके लखनपाल को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने का मजबूत दावेदार माना जा रहा था। वह पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं। वहीं स्थानीय पुलिस का मानना है कि उन्होंने बेहतर काम किया और सही समय पर पुलिसबल की तैनाती कर शोभायात्रा खत्म करवा दी, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर नहीं जा सकी और जानमाल की हानि होने से बच गई। चुनाव आयोग के निर्देश पर लव कुमार ने जनवरी में यहां पद भार संभाला था। उन्होंने बताया कि झड़प में कुछ लोगों को मामूली चोटें आईं। इधर, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने सहारनपुर जिले के ग्राम सड़क दूधली में हुई इस घटना की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है। जांच कमेटी में पांच पूर्व मंत्री और विधायक शामिल हैं। समाजवादी पार्टी की पांच सदस्यीय जांच टीम तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर घटना के कारणों की जांच कर तीन दिन के अंदर रिपोर्ट पेश करेगी।

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