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देहरादून/चमोली: उत्तराखंड के उंचाई वाले क्षेत्रों में हो रही भारी बर्फबारी के बीच चमोली जिले के बदरीनाथ में सीमांत माणा गांव के पास शुक्रवार तड़के हिमस्खलन होने से वहां फंसे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 55 मजदूरों में से 33 को सुरक्षित निकाल लिया गया जबकि 22 अन्य की तलाश जारी है।

प्रदेश के आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने यहां बताया कि बदरीनाथ धाम से छह किलोमीटर आगे हुई हिमस्खलन की घटना में पहले 57 मजदूरों के फंसे होने की सूचना मिली थी, लेकिन अब स्थानीय प्रशासन ने बताया है कि दो मजदूरों के छुट्टी पर होने के कारण मौके पर 55 मजदूर थे।

अब तक 33 मजदूरों को बाहर निकाला गया

उन्होंने बताया कि शाम पांच बजे तक 32 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था, जबकि देर रात एक और श्रमिक को बाहर निकाल लिया गया है। सुमन ने कहा, ‘‘इस प्रकार अब तक कुल 33 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है जबकि 22 अन्य की खोजबीन जारी है।’’

चमोली: उत्तराखंड के माणा में ग्‍लेशियर टूटने से भारी हिमस्‍खलन हो गया है। जिससे बीआरओ के कैंप को नुकसान पहुंचा है। बीआरओ कैंप में करीब 57 मजदूरों मौजूद थे। जिनमें से 32 को सुरक्षित निकाल लिया गया है। सेना व आईटीबीपी द्वारा रेस्‍क्‍यू कार्य किया गया।

भारी बर्फबारी के कारण रुका रेस्क्यू

उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डबरानी के पास हिमस्खलन व मलबा आने से बंद हो गया है। गंगनानी से डबरानी के बीच लगातार बारिश के चलते पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। अभी तक बर्फ में दबे 32 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। इनका उपचार आईटीबीपी हॉस्पिटल माणा में चल रहा है। अधिकतर मजदूर कर्मचारी पंजाब, यूपी, हरियाणा के हैं। अभी 25 लोग लापता हैं।

माणा में भारी बर्फबारी व फिर एवलांच के चलते सेना व आईटीबीपी ने रेस्क्यू रोक दिया है। मौसम की स्थिति में सुधार होते ही एसडीआरएफ की हाई-एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को हेलीकॉप्टर से निकटतम उपलब्ध स्थान पर उतारा जाएगा। एसडीआरएफ एवं जिला प्रशासन द्वारा बीआरओ एवं सेना के साथ समन्वय किया जा रहा है।

चमोली: उत्तराखंड के चमोली बद्रीनाथ हाईवे पर काम कर रहे मजदूर बर्फ के नीचे दब गए हैं। बीते कुछ दिनों से यहां लगातार बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के बाद बर्क के नीचे हाईवे में काम कर रहे 57 मजदूर दब गए। हालांकि घटना के बाद कुछ मजदूर खुद निकल गए। इस घटना के बाद बीआरओ और जिला प्रशासन के अफसर मौके पर पहुंच गए हैं।

बताया जाता है कि इस हाईवे के निर्माण में लगे हुए 57 मजदूर दबे थे। लेकिन सूत्रों की माने तो 10 मजदूर दब गए हैं। मौके पर बद्रीनाथ माणा के पास सीमा सड़क पर यह घटना हुई है। इस घटना पर बीआरओ मेजर ने बताया कि मजदूरों के कैंप के पास ग्लेशियर टूटा है। इसके कारण यह घटना हुई है। हालांकि अभी कितने मजदूर दबे हैं, इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हो पाई है।

इस घटना के बाद चमोली में सेना और आईटीबीपी रेस्क्यू में जुट गई है। हनुमान चट्टी से आगे हाइवे बंद है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को मौके पर रवाना कर दिया गया है। लेकिन हाईवे बंद होने के कारण वो रास्ते में फंसे हुए हैं। चमोली के डीएम डॉ. संदीप तिवारी ने कहा कि 57 मजदूरों के माणा पास क्षेत्र में होने की सूचना है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तराखंड हाई कोर्ट के एक फैसले को रद कर दिया, जिसमें 2004 में एक महिला की हत्या के मामले में तीन पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस आगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ ने हाई कोर्ट के दिसंबर 2012 के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों पर यह फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने राज्य की अपील स्वीकार करते हुए तीन पुलिसकर्मियों सुरेन्द्र सिंह, सूरत सिंह और अशद सिंह नेगी को हत्या के लिए बरी करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया था।

ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी

महिला की मौत कथित तौर पर नवंबर 2004 में पुलिस की गोलीबारी में हुई थी। हाई कोर्ट ने एक अन्य पुलिसकर्मी जगदीश सिंह द्वारा दायर एक अलग अपील को भी खारिज कर दिया था, जिसने गोली चलाई थी और बाद में उसे दोषी ठहराया गया था।

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