ताज़ा खबरें
एकनाथ शिंदे के मंत्रिमंडल में शामिल होने पर अभी भी सस्पेंस बरकरार
राहुल-प्रियंका के संभल जा रहे काफिले को यूपी पुलिस ने सीमा पर रोका
महायुति ने राज्यपाल के सामने पेश किया सरकार बनाने का दावा

देहरादून (जनादेश ब्यूरो): मॉनसून के मौसम में मूसलाधार बारिश कई राज्यों में तबाही लेकर आई है। उत्तराखंड में हो रही मूसलाधार बारिश से भारी नुकसान हो रहा है और केदारनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं को भी काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। यहां फंसे श्रद्धालुओं को प्रशासन की और से निकालने का काम तेजी से किया जा रहा है।

केदारनाथ में आई आपदा के बाद से तीसरे दिन भी रेस्क्यू अभियान जारी है। आज सुबह 6 बजे से शुरू हुए रेस्क्यू अभियान में लिनचोली से लगभग 150 लोगों को हेली के माध्यम से शेरसी हेलीपैड भिजवाया गया। जिला प्रशासन की टीम के साथ एसडीआरएफ की टीम लगातार सर्च अभियान चला रही है। बड़ी लिनचोली से लेकर छोटी लिनचोली तक मलबे में शवों की खोज की जा रही है।

पत्थरों में मिला दबा हुआ शव

रेस्क्यू स्थल थारू कैंप के पास बड़े-बड़े पत्थरों में दबे एक शव को निकाला गया है। जिसके पास से दो मोबाइल व अन्य सामग्री प्राप्त हुई है। शव की पहचान शुभम कश्यप निवासी सहारनपुर के रूप में हुई है।

रुद्रप्रयाग: गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर रविवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। चिरबासा के पास पहाड़ी से अचानक भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिर गए। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि यात्रा पर जा रहे तीन तीर्थयात्री की मौत हो गई, जबकि पांच घायल हो गए। घायलों में भी दो यात्री महाराष्ट्र के व अन्य स्थानीय बताए जा रहे हैं। घायलों को उपचार के लिए गाैरीकुंड अस्पताल में भेजा गया है।

जानकारी के अनुसार, घटना सुबह साढ़े सात बजे की बताई जा रही है। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। राहत एवं बचाव कार्य जारी है। हादसे में मृतकों की पहचान किशोर अरुण पराटे(31), नागपुर महाराष्ट्र, सुनील महादेव काले(24) जालना महाराष्ट्र, अनुराग बिष्ट, तिलवाड़ा रुद्रप्रयाग के रूप में हुई है।

बता दें कि केदारनाथ में 16 किमी लंबे गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर पल-पल भूस्खलन का खतरा रहता है। चीरबासा भूस्खलन जोन है, जहां बरसात में पहाड़ी से पत्थर गिरने से दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

देहरादून: जोशीमठ में हुई भीषण लैंडस्लाइड के 40 घंटे बाद वाहनों के लिए इस रास्ते को खोल दिया गया है। बता दें कि यहां पहाड़ खिसकने के कारण लैंडस्लाइड हो गई थी और फिर रास्ता लोगों के आवागमन के लिए बंद हो गया था। इस वजह से बद्रीनाथ जा रहे या फिर वहां से दर्शन के बाद वापस लौट रहे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि, 40 घंटों की कड़ी मेहनत के बाद इस रास्ते को एक बार फिर वाहनों के लिए खोल दिया गया है।

लैंड स्लाइड होने के कारण जोशीमठ-बद्रीनाथ हाईवे को तत्काल बंद कर दिया गया था। साथ ही राहत की बात ये रही कि इस लैंड स्लाइड में किसी भी प्रकार के जान माल के हानि नहीं हुई। मौके पर मौजूद कई लोगों ने इस घटना को वीडियो में भी कैद किया था।

भूस्खलन के बाद बंद हुआ नेशनल हाईवे 7 जोशीमठ-बद्रीनाथ हाईवे अब दोबारा खोल दिया गया है। इसके बाद अब चार धाम यात्रियों पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए मुसीबतें कम हो गई है। पहाड़ के टूटने से सड़क भी ब्लॉक हो गयी थी।

नई दिल्‍ली: दक्षिण पश्चिम मानसून देश के अधिकांश हिस्‍सों को अपने आगोश में ले चुका है और इसके चलते देशभर में जमकर बारिश हो रही है। इसके कारण कई बार नदी-नालों में अचानक पानी आ जाता है और लोगों की जान पर भी बन आती है। हरिद्वार में भी हाल ही में ऐसा ही हुआ है, जब एक बरसाती नदी में अचानक से पानी आ गया और वहां पर खड़ी कई कारें खिलौनों की तरह तैरती नजर आने लगी। इस घटना का वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें तेज बहाव कारों को बहाकर ले जा रहा है।

अक्‍सर लोग यहां खड़े करते थे वाहन

हरिद्वार के खड़खड़ी में मानसून की पहली ही बारिश में आठ कारें पानी में बह गई। यहां की सूखा नदी में अचानक से पानी आने से कारें बहती नजर आईं। यह घटना हर की पौड़ी के पास की है। जानकारी के मुताबिक, मौसम विभाग ने पहले ही यहां पर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था। भारी बारिश के बाद तेज बहाव में यह कारें बह गईं। यह घटना हरिद्वार के खड़खड़ी श्‍मशान घाट पर हुई, जहां पर लोग अक्‍सर अपने वाहनों को खड़ा करते हैं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख