ताज़ा खबरें
एकनाथ शिंदे के मंत्रिमंडल में शामिल होने पर अभी भी सस्पेंस बरकरार
राहुल-प्रियंका के संभल जा रहे काफिले को यूपी पुलिस ने सीमा पर रोका
महायुति ने राज्यपाल के सामने पेश किया सरकार बनाने का दावा

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के अभियान का आज (27 नवंबर) 16वां दिन है। श्रमिकों तक पहुंचने के लिए इस्तेमाल हो रही ऑगर ड्रिलिंग मशीन के टूट जाने के बाद अब बचाव दल वैकल्पिक उपाय के तौर पर सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर वर्टिकल ड्रिलिंग कर रहे हैं।

दूसरी ओर बचाव अभियान में जुटे सेना के जवानों ने सुरंग की ड्रोन के जरिए डिजिटल मैपिंग शुरू कर दी है। एक दिन पहले रविवार (26 नवंबर) को सुरंग के अंदर अत्याधुनिक तकनीक से लैस ड्रोन को अंदर से बाहर तक उड़ा कर डिजिटल मैपिंग की गई है। हम आपको बताते हैं कि आखिर यह ड्रोन मैपिंग क्या होती है और बचाव अभियान के 16वें दिन इसकी जरूरत क्यों पड़ी है।

ड्रोन मैपिंग किसी भी जगह की 3डी मैपिंग का सबसे कारगर उपाय है। उत्तरकाशी सुरंग में धातु के अवरोधों की वजह से ड्रिलिंग का काम बार-बार रुक रहा है। इसके अलावा मौसम विभाग ने आज सोमवार से भारी बारिश और बर्फबारी को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है।

उत्तरकाशी: उत्तराखंड में उत्तरकाशी के सिलक्‍यारा में धंसी निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए अब आर्मी को बुलाया गया है। श्रमिकों को बाहर निकालने के रास्‍ते में एक के बाद मुश्किलें सामने आ रही हैं। ऑगर मशीन के फिर से अटकने के बाद अब मैनुअल ड्रिलिंग की योजना बनाई जा रही है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ ने क्रिसमस तक श्रमिकों के निकलने की उम्मीद जताई। इस बीच बताया जा रहा है कि मजदूरों को बाहर निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग भी शुरू कर दी गई है।

उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए आर्मी को बुलाया गया है। भारतीय सेना ने अब रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन का मोर्चा संभाल लिया है। बताया जा रहा है कि वर्टिकल ड्रिलिंग भी शुरू कर दी गई है। इससे पहले सिलक्यारा में धंसी निर्माणाधीन सुरंग में ‘ड्रिल' करने में इस्‍तेमाल ऑगर मशीन के ब्लेड मलबे में फंसने से काम बाधित होने के बाद दूसरे विकल्पों पर विचार किए जाने के बीच शनिवार को अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ ने उम्मीद जताई कि पिछले 14 दिन से फंसे 41 श्रमिक अगले महीने क्रिसमस तक बाहर आ जाएंगे।

देहरादून: उत्तराखंड में उत्तरकाशी के सिलक्‍यारा में धंसी निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने में अभी कुछ और समय लग सकता है। श्रमिकों को बाहर निकालने के रास्‍ते में एक के बाद एक मुश्किलें सामने आ रही हैं। ऑगर मशीन के फिर से अटकने के बाद अब मैनुअल ड्रिलिंग की योजना बनाई जा रही है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ ने क्रिसमस तक श्रमिकों के निकलने की उम्मीद जताई।

श्रमिक अगले महीने क्रिसमस तक बाहर आ जाएंगे: विशेषज्ञ 

सिलक्यारा में धंसी निर्माणाधीन सुरंग में ‘ड्रिल' करने में इस्‍तेमाल ऑगर मशीन के ब्लेड मलबे में फंसने से काम बाधित होने के बाद दूसरे विकल्पों पर विचार किए जाने के बीच शनिवार को अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ ने उम्मीद जताई कि पिछले 14 दिन से फंसे 41 श्रमिक अगले महीने क्रिसमस तक बाहर आ जाएंगे। शुक्रवार को लगभग पूरे दिन ‘ड्रिलिंग' का काम बाधित रहा। हालांकि समस्या की गंभीरता का पता शनिवार को चला जब सुरंग मामलों के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने मीडिया को बताया कि ऑगर मशीन ‘खराब' हो गई है।

उत्तरकाशी: अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने शनिवार को कहा कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए जिस ऑगर मशीन से ‘ड्रिल’ की जा रही थी, वह खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि बचाव दल लंबवत और हाथ से ‘ड्रिलिंग’ सहित अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।

डिक्स ने सिलक्यारा में पत्रकारों से कहा, ‘‘ ऑगर टूट गई है, क्षतिग्रस्त हो गई है।’’ पिछले कुछ दिन से ऑगर मशीन से ‘ड्रिल’ करने के दौरान लगातार बाधाएं आ रही थीं। जब उनसे हाथ से अथवा लम्बवत ‘ड्रिल’ करने जैसे अन्य विकल्पों के बारे में पूछा गया तो डिक्स ने कहा कि सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम जो भी विकल्प अपना रहे हैं उसके अपने फायदे और नुकसान हैं। हमें बचावकर्ताओं की तथा श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है।’’ उन्होंने कहा कि फंसे हुए लोगों और बचावकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अभियान में लगी कई एजेंसियों का लक्ष्य है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख